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पाकिस्तान में तीन करोड़ से अधिक भिखारी, पाकिस्तानी भिखारियों से सऊदी अरब परेशान

कराची में एक भिखारी रोजाना औसतन 2000 रुपये कमाता है. लाहौर में यह रकम 1400 रुपये और इस्लामाबाद में 950 रुपये है. पूरे देश में औसतन भिखारी 850 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं.पाकिस्तान में 23 करोड़ की आबादी में लगभग 3.8 करोड़ लोग भीख मांगते हैं. ये लोग रोज़ाना करोड़ों रुपये की भीख इकट्ठा करते हैं.कराची में एक भिखारी रोज़ाना औसतन 2000 रुपये कमाता है. लाहौर में यह रकम 1400 रुपये और इस्लामाबाद में 950 रुपये है. पूरे देश में औसतन भिखारी 850 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं.

पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान में भिखारी रोज़ाना 32 अरब रुपये कमाते हैं. यह रकम सालाना 117 ट्रिलियन रुपये या 42 अरब डॉलर के बराबर होती है. इतनी बड़ी राशि का देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है.अखबार लिखता है, “भिखारी न केवल गैर-उत्पादक लोग हैं, बल्कि ये 42 अरब डॉलर का उपयोग कर समाज पर बोझ डालते हैं. इनकी गतिविधियों से देश में 21 प्रतिशत महंगाई बढ़ने का खतरा है.”पाकिस्तान से इतर बांग्लादेश ने भीख मांगने की समस्या को एक हद तक खत्म कर दिया है. इन पैसों से बांग्लादेश ने 52 अरब डॉलर का विकास किया है.यह दिखाता है कि इस समस्या का समाधान अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकता है.

भीख से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल केवल सामान खरीदने में होता है.लेकिन इस रकम से देश के उत्पादन नहीं बढ़ता है. भीख के पैसे से देश में मांग और कीमतों में इज़ाफा होता है, जो महंगाई को बढ़ावा देता है.रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार को इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. भीख मांगने वालों को रोजगार मुहैया कर उन्हें समाज का उपयोगी सदस्य बनाया जा सकता है.रिपोर्ट के मुताबिक, पेशेवर भिखारियों को खत्म करना जरूरी है यह देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

पाकिस्तानी भिखारियों से सऊदी अरब हुआ परेशान

सऊदी अरब ने धार्मिक तीर्थयात्रा की आड़ में खाड़ी देश में आने वाले भिखारियों के बारे में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की है। सऊदी अरब ने इस्लामाबाद से कहा है कि इस पर नियंत्रण न होने से उनके हज यात्री प्रभावित होंगेसऊदी अरब ने पाकिस्तान से हज के बहाने आ रहे भिखारियों पर रोक लगाने की अपील की हैपिछले कुछ वर्षों में वो लगातार पाकिस्तान को इस समस्या के बारे में अवगत कराता रहा है. उसने पाकिस्तान से आने वाले भिखारियों की बढ़ती संख्या को लेकर शहबाज सरकार को चेतावनी भी दी थी. मगर, उसका असर नहीं हुआ. लेटेस्ट अपडेट ये है कि वहां हालात सुधरे नहीं हैं. सऊदी अरब इसे लेकर कोई कड़ा फैसला भी कर सकता है.रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब का हज मंत्रालय इस समस्या से निपटने के लिए नई योजना बना रहा है. यहां पर नोट करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान से हर साल बड़ी संख्या में लोग उमराह यानी तीर्थयात्रा वीजा के नाम पर सऊदी अरब जाते हैं. पाकिस्तान के लिए इससे बड़ी शर्मिंदगी क्या हो सकती है कि देश के अंदर नागरिक, दाल, रोटी, आटा, दूध, पेट्रोल, सब्जी, फल जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भटक रहे हैं और जो लोग पाकिस्तान से तीर्थ यात्रा के नाम पर विदेश जाते हैं वो वहां जाकर भीख मांगने में जुट जाते हैं.अगर ये कहें कि पाकिस्तान में भीख मांगना मजबूरी नहीं एक संगठित व्यवसाय है तो गलत नहीं होगा क्योंकि इस चिंता पर चर्चा पाकिस्तान की संसद से लेकर सड़क तक हो चुकी है. पाकिस्तान की सरकार खुद ऐसे भिखारियों से परेशान हैं. हैरानी वाली बात ये है कि दुनियाभर में गिरफ्तार होने वाले 90% भिखारी पाकिस्तानी मूल के होते हैं.

ऐसे पाकिस्तानियों को वीजा देने से बचता है यूएई

ये दावा किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में किया गया है. ईरान, इराक, सऊदी अरब समेत कई देशों में पाकिस्तान के लोग तीर्थ यात्रा के नाम पर जाते हैं और भीख मांग कर पैसे जुटाते हैं. पाकिस्तान के लोगों की ऐसी ही हरकतों की वजह से यूएई उन पाकिस्तानियों को भी वीजा देने से बचता है, जिनके बैंक अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं हैं.उन्हें ये डर रहता है कि तीर्थ यात्रा के नाम पर आएंगे और भीख मांगेंगे. इसी साल अगस्त में कराची एयरपोर्ट पर 11 लोगों को पकड़ा गया था. दावा है ये सऊदी जा रही एक फ्लाइट में बैठने की तैयारी में थे. पूछताछ में पता चला कि उनका उदेश्य सऊदी अऱब जाकर भीख मांगना था. इसी साल मार्च में रमजान महीने में दुबई प्रशासन ने इन भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया था.इस दौरान 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें लगभग आधी महिलाएं थीं. ऐसी ही घटना अक्टूबर 2023 में लाहौर एयरपोर्ट पर देखने को मिली थी. जब एक फ्लाइट में सवार 16 लोगों को प्लेन से उतारा गया था और गिरफ्तार किया गया था. जांच के बाद पता चला कि ये लोग भी भीख मांगने के मकसद से विदेश जा रहे थे.पाकिस्तान में अनुमानित 3.8 करोड़ भिखारी हैं. पाकिस्तान का कराची भीख मांगकर पैसे जुटाने में नंबर वन है. यहां हर भिखारी रोज औसतन 2,000 रुपये जुटाता है. पाकिस्तान में भिखारी सालाना 3.5 लाख करोड़ रुपये जुटाते हैं. ये पाकिस्तान के GDP के 12% से भी ज्यादा है.

पाकिस्तान की सरकार ने 4,300 भिखारियों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट या नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है

पाकिस्तान की सरकार ने 4300 से ज्यादा कथित भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है। पाकिस्तान ने यह कदम सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों की चेतावनी के बाद उठाया है। इन देशों ने पाकिस्तान से कहा था कि वो अपने यहां से ऐसे लोगों को ना भेजे, जो धार्मिक यात्रा के वीजा पर आकर भीख मांगते हैं। तीर्थयात्री बनकर सऊदी अरब आए कुछ पाकिस्तानियों को भीख मांगते हुए गिरफ्तार भी किया गया था। इस पर सऊदी अरब ने पाकिस्तान के सामने अपनी चिंता जाहिर की। वहीं यूएई और दूसरे अरब देशों की ओर से भी इस तरह की शिकायत पाकिस्तान को मिली थी।सऊदी अरब और दूसरे देशों की चेतावनी के बाद पाकिस्तान ने 4300 से ज्यादा ऐसे लोगों को नो-फ्लाई लिस्ट यानी एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाला है, जिन पर उमरा वीजा पर सऊदी अरब जाकर वहां भीख मांगने का आरोप है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने उमरा एक्ट लाने की भी योजना बनाई है, ताकि उमरा यात्रा को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सके। सऊदी हज मंत्रालय ने पाकिस्तान को उमरा वीजा पर सऊदी अरब में प्रवेश करने वाले भिखारियों की बढ़ती संख्या के बारे में चेतावनी दी थी।

पाकिस्तान ने सऊदी को दिया भरोसा

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने सऊदी अरब के उप गृह मंत्री नासिर बिन अब्दुलअजीज अल दाउद को ये जानकारी दी है कि उनकी सरकार ने ‘भिखारी माफिया’ के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कड़े कदम उठाए हैं, जो भीख मांगने के लिए लोगों को सऊदी भेजते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अरब देशों में पकड़े गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तान के हैं। इस समस्या के कारण सऊदी अधिकारियों ने इस्लामाबाद से इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर असली पाकिस्तानी उमरा और हज यात्रियों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।पिछले साल सितंबर में तीर्थयात्री बनकर गए 16 पाकिस्तानी लोगों को सऊदी अरब में भीख मांगते गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से ही सऊदी सरकार इस मामले में सख्त है। समस्या से निपटने के लिए पाकिस्तान ने उमरा एक्ट लाने की योजना बनाई है। यह कानून उन ट्रैवल एजेंसियों को नियंत्रित करेगा, जो उमरा यात्राओं की सुविधा प्रदान करती हैं। पाकिस्तानी धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने ऐसी एजेंसियों को कानूनी निगरानी में लाने और भिखारियों को धार्मिक तीर्थयात्रा की आड़ में सऊदी अरब जाने से रोकने के लिए यह कानून बनाने का फैसला लिया है।

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