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टीटीपी ने पाकिस्‍तानी आर्मी से लिया हवाई हमले का खूनी बदला, मेजर को मारा

इस्‍लामाबाद: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान यानि टीटीपी के आतंकियों ने पाकिस्‍तानी सेना के हवाई हमले का खूनी बदला ले लिया है। टीटीपी ने कई जगहों पर पाकिस्‍तानी सेना पर जोरदार हमले किए। टीटीपी का दावा है कि इन हमलों में कई पाकिस्‍तानी सैनिक मारे गए हैं। वहीं पाकिस्‍तानी सेना ने एक बयान जारी करके माना है कि टीटीपी की ओर से कई हमले हुए हैं और उसके मेजर रैंक के अधिकारी की उत्‍तरी वजीरिस्‍तान में मौत हो गई है। पाकिस्‍तानी सेना ने यह भी दावा किया कि 13 आतंकी मारे गए हैं। पाकिस्‍तानी सेना पर हमले की तस्‍वीरें सोशल मीडिया में शेयर की जा रही हैं। पाकिस्‍तानी सेना ने अपने बयान में कहा कि आतंकियों को करारा जवाब दिया जा रहा है। इस बीच पाकिस्‍तानी मीडिया ने खुलासा किया है कि तालिबानी आर्मी और पाकिस्‍तानी सेना के बीच बीती रात डंडे पट्टन कुर्रम सीमा पर जमकर गोलाबारी हुई है।

अफगान सीमा पर गरजीं तालिबानी तोपें, युद्ध जैसा माहौल

पाकिस्‍तानी मीडिया ने बताया कि तालिबान और पाकिस्‍तानी सेना के बीच लड़ाई में अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। दोनों तरफ से भारी हथियारों का इस्‍तेमाल भी किया जा रहा है। इस बीच पाकिस्‍तान की सरकार ने पहली बार कबूला है कि उसकी सेना ने अफगानिस्‍तान के अंदर सीमा के पास हवाई हमला किया था। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि पुख्‍ता खुफिया सूचना मिलने के बाद पाकिस्‍तानी वायुसेना ने यह हमला किया। तालिबानी सरकार ने ऐलान किया है कि इस हमले में 46 लोग मारे गए हैं जिनमें ज्‍यादातर महिलाएं और बच्‍चे हैं। पाकिस्‍तानी मीडिया का कहना है कि साल 2021 में जब से अफगानिस्‍तान में तालिबानी सरकार सत्‍ता में आई है, पाकिस्‍तान के अंदर हमले तेज हो गए हैं।

पाकिस्‍तानी सरकार ने कई बार तालिबान से कहा है कि वह टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे लेकिन तालिबान का कहना है क‍ि ये आतंकी उसकी सीमा में नहीं हैं। कश्‍मीरी आतंकियों को पालने वाले पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता ने कहा कि पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान की संप्रभुता का सम्‍मान करता है लेकिन आतंकियों की पनाहगाह बनने को लेकर चिंतित है। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्‍तान आगे भी अफगान अधिकारियों से बातचीत करता रहेगा। इसमें सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और व्‍यापारिक रिश्‍ते शामिल हैं।पाकिस्‍तान ने जब यह हवाई हमला किया, ठीक उसी समय अफगान मामलों के उसके विशेष दूत काबुल में मौजूद थे। इसी वजह से अफगान नेता इसे विश्‍वासघात के रूप में ले रहे हैं। इसको लेकर जनरल असीम मुनीर की आलोचना भी हो रही है। तालिबानी विदेश मंत्री ने खुलकर जनरल मुनीर पर निशाना साधा है। वहीं अफगान व‍िश्‍लेषकों का कहना है कि पाकिस्‍तान इसके जरिए काबुल में भ्रमित करने वाला संदेश भेज रहा है। उन्‍होंने कहा कि एक तरफ बातचीत का दिखावा तो दूसरी तरफ हवाई हमला करके लोगों की हत्‍या की जा रही है। यह किसी विवाद को सुलझाने का बहुत ही अनोखा तरीका है।

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