नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। उसी कड़ी में शनिवार को बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रदेश घोषणा पत्र समिति का ऐलान किया है। इस समिति की अध्यक्षता रामवीर सिंह बिधूड़ी करेंगे। साथ ही बीजेपी में शामिल कांग्रेस के पूर्व दिल्ली चीफ अरविंदर सिंह लवली को भी अहम जिम्मेदारी मिली है।बीजेपी की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र समिति में अध्यक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कुल 12 सदस्य शामिल हैं। इनके नाम हैं- रामवीर सिंह बिधूड़ी (संयोजक), डॉ. हर्ष वर्धन, सरदार अरविंदर सिंह लवली, विजय गोयल, सतीश उपाध्याय, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश साहिब सिंह, अजय महावर, प्रवीण शंकर कपूर, अभिषेक टंडन, राजकुमार फलवारिया और नीतू डबास।
चुनाव संचालन समिति का भी ऐलान
घोषणा पत्र समिति के ऐलान से पहले बीजेपी ने अपनी चुनाव संचालन समिति की भी घोषणा कर दी है। इस समिति का नेतृत्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा करेंगे। हर्षदीप मल्होत्रा को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि दुष्यंत गौतम, मनोज तिवारी और सरदार अरविंदर सिंह लवली को सह-संयोजक बनाया गया है। इस समिति में कुल 23 सदस्य शामिल हैं, जिनमें डॉ. हर्ष वर्धन, विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।इस समिति का गठन चुनाव प्रचार को सुचारू रूप से चलाने और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘इस समिति में अनुभवी और युवा नेताओं का अच्छा मिश्रण है।’ उन्होंने विश्वास जताया कि यह समिति पार्टी को चुनाव में शानदार जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
दिग्गज नेताओं की वापसी
भाजपा अपने पुराने दिग्गजों को भी मैदान में उतारने की योजना बना रही है. दक्षिणी दिल्ली से सांसद रहे रमेश बिधूड़ी और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इसके साथ ही, पार्टी में पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्गजों पर भी दांव लगाने की संभावना है.
जातीय समीकरण का महत्व
विधानसभा चुनाव के लिए हुए सर्वे में कई सीटों पर जातीय समीकरण बदले हुए नजर आए हैं. प्रवासी आबादी दिल्ली में लगातार बढ़ रही है, और भाजपा इसी आधार पर अपनी रणनीति बनाने में जुटी है. ऐसे में कई सीटों पर उम्मीद से हटकर प्रत्याशी देखने को मिल सकते हैं. पार्टी अपने टिकट वितरण में जातीय समीकरण का ध्यान रखने का निर्णय ले चुकी है.
पुराने नेताओं का भी महत्व
भाजपा लगातार हार रहे नेताओं को चुनावी मैदान में नहीं उतारने का निर्णय ले चुकी है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए चेहरों पर प्रयोग किया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी भी राजनीति में नए चेहरों की वकालत करते रहे हैं. दिल्ली चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है.
चुनावी माहौल का निर्माण
रणनीतिकार मानते हैं कि बड़े नेताओं को लड़ाने से उनकी सीट पर माहौल बनेगा. इसके चलते कुछ सीटों पर दिग्गजों को उतारने पर भी विचार चल रहा है. यह भाजपा की चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है.
घोषणापत्र की तैयारी
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार, पार्टी दिसंबर के मध्य तक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर सकती है. रविवार को पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी.
समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद
दिल्ली भाजपा की चुनाव समन्वय समिति और घोषणापत्र समिति की पहली बैठक पार्टी कार्यालय में हुई. संयोजक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि घोषणापत्र समिति समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बैठकें शुरू करेगी. इसमें लगभग 50 श्रेणियों के लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है, ताकि एक व्यापक घोषणापत्र तैयार किया जा सके.