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पाकिस्तान में शिया मुसलमानों का विद्रोह, सेना की चौकियां फूंकी, दंगे जैसे हालात

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सूबे में गुरुवार को हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद शिया मुसलमानों में जबरदस्त गुस्सा है। इस हमले में 50 शिया मुसलमानों की मौत हुई हैए जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में हुआ जहां बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमानों और अल्पसंख्यक शियाओं के बीच सांप्रदायिक झड़पों में हाल के महीनों में दर्जनों लोग मारे गए हैं। अभी तक किसी ने भी इस ताजा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।इस हमले के बाद गुस्साए शिया मुसलमानों ने कुर्रम जिले में शहर के प्रवेश द्वार बा.ए.कुर्रम सहित दो चौकियों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। मौके पर मौजूद सेना अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवान उग्र भीड़ को देखकर फरार हो गए। शिया मुसलमानों के काफिले पर हमले की घटना अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में एक प्रमुख राजमार्ग को फिर से खोलने के एक सप्ताह बाद हुई हैए जिसे घातक झड़पों के बाद हफ्तों तक बंद रखा गया था।

स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली ने कहा कि जब हमला शुरू हुआए तब कई वाहन पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर एक काफिले में यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कम से कम 10 यात्री एक अस्पताल में गंभीर हालत में हैं। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा कि अधिकारी यह पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं कि हमले के पीछे कौन था। आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला कहा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और शरीफ ने कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे जो लोग हैं उन्हें सजा नहीं मिलेगी।कुर्रम निवासी 35 वर्षीय मीर हुसैन ने कहा कि उन्होंने चार बंदूकधारियों को एक वाहन से निकलते और बसों और कारों पर गोलीबारी शुरू करते देखा। उन्होंने कहाए ष्मुझे लगता है कि अन्य लोग भी पास के खुले खेत से वाहनों के काफिले पर गोलीबारी कर रहे थे।ष् ष्गोलीबारी लगभग 40 मिनट तक जारी रही। उन्होंने कहा कि हमलावरों के भागने तक वे छिपे रहे। उन्होंने कहा मैंने महिलाओं की चीखें सुनींए और लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे।

पीड़ितों में से एक के रिश्तेदार इब्ने अली बंगश ने काफिले पर हुए हमले को कुर्रम के इतिहास का सबसे दुखद दिन बताया। उन्होंने कहा हमारे समुदाय के 40 से अधिक लोग शहीद हुए हैं।ष् ष्यह सरकार के लिए शर्मनाक बात है। स्थानीय शिया नेता बाकिर हैदरी ने हमले की निंदा की और कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर 100 से अधिक वाहनों के काफिले के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करने का आरोप लगाया जबकि आतंकवादियों द्वारा संभावित हमलों की आशंका थी जिन्होंने हाल ही में कुर्रम में शियाओं को निशाना बनाने की धमकी दी थी।पाराचिनार के दुकानदारों ने हमले के विरोध में शुक्रवार को हड़ताल की घोषणा की। सुन्नी बहुल पाकिस्तान की 240 मिलियन आबादी में शिया मुसलमान लगभग 15 प्रतिशत हैं जिसका समुदायों के बीच सांप्रदायिक दुश्मनी का इतिहास रहा है। हालांकि दोनों समूह आम तौर पर शांतिपूर्ण तरीके से साथ रहते हैंए लेकिन कुछ इलाकों में दशकों से तनाव बना हुआ हैए खास तौर पर कुर्रम के कुछ हिस्सों मेंए जहां शिया बहुसंख्यक हैं। जुलाई में कुर्रम में भूमि विवाद शुरू होने के बाद से दोनों पक्षों के दर्जनों लोग मारे गए हैं जो बाद में व्यापक सांप्रदायिक हिंसा में बदल गया।

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