मुंबई: राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की एक बार फिर मुलाकात हुई। दोनों भाइयों की यह मुलाकात मातोश्री में हुई। मौका था उद्धव ठाकरे के जन्मदिन का। राज ठाकरे उद्धव को जन्मदिन की बधाई देने मातोश्री पहुंचे थे। इस मुलकात के बाद उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि राज के आने से उनकी खुशी दोगुनी हो गई है। शिवसेना एक ही है दो नहीं। उद्धव का यह बयान महाराष्ट्र की सियासत के लिए बेहद अहम है।उद्धव ठाकरे ने कहा, “आप सभी की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैं सचमुच उनकी सराहना करता हूं। राज मेरे जन्मदिन पर आए और मुझे शुभकामनाएं दीं – यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। उनके आने से मेरी खुशी दोगुनी हो गई है। शिवसेना एक ही है। दो शिवसेना नहीं हैं। बहुत लंबे समय के बाद, राज यहां आए और मुझे मेरे जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। यह वास्तव में मेरे लिए बहुत मायने रखता है।”
उद्धव ठाकरे से आधे घंटे की मुलाकात के बाद राज ठाकरे मातोश्री से निकले। राज के साथ उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे। हाल के दिनों में बेहद कम अंतराल में दोनों भाइयों की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले मराठी भाषा के मुद्दे पर दोनों भाई लगभग 20 वर्षों में पहली बार एक साथ एक राजनीतिक मंच पर आए और एक संयुक्त रैली को संबोधित किया। इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में उनके संभावित गठबंधन की अटकलों को तेज कर दिया। इसके बाद यह मुलाकात और उद्धव का बयान राज्य की सियासत के लिए बेहद अहम है।
6 साल पहले गए थे ‘मातोश्री’
राज ठाकरे की ठाकरे परिवार में विवाद के बाद बाला साहेब और उद्धव से दूरी बढ़ गई थी, जिसके बाद उनका मातोश्री जाने का सिलसिला थम सा गया था। राज ठाकरे आखिरी बार करीब 6 साल पहले उद्धव परिवार को अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का न्योता देने के लिए मातोश्री गए थे। उससे पहले वो साल 2012 में बालासाहेब ठाकरे के निधन के समय आखिरी बार मातोश्री गए थे।उद्धव ठाकरे जब हार्ट के इलाज के चलते लीलावती अस्पताल में भर्ती हुए थे, तब राज ठाकरे ही उन्हें अपनी कार से छोड़ने मातोश्री आए थे। राज ठाकरे जब भी मातोश्री गए, तब कोई न कोई बेहद जरूरी वजह रही थी। हालांकि, इस बार वो अपनी स्वेच्छा से उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई देने मातोश्री पहुंचे।
20 साल पर एक मंच पर आए
राज ठाकरे का मातोश्री पहुंचना महाराष्ट्र की सियासत में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है। वहीं, इस महीने की शुरुआत में दोनों ने 20 साल में पहली बार एक साथ मंच साझा किया। इस इस रैली में पहले राज ठाकरे ने कहा कि जो काम बाला साहेब ठाकरे या कोई और नहीं कर पाया, उसे देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया और हमें मंच पर ला दिया।वहीं, उद्धव ने कहा कि हम साथ रहेंगे और इसीलिए साथ आए हैं। BJP पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, “इन लोगों ने इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति शुरू की है। अब हम तुम्हें बाहर निकाल देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि, “हिंदुत्व पर किसी का एकाधिकार नहीं है। आपको हमें हिंदुत्व सिखाने की ज़रूरत नहीं है। फडणवीस ने कहा था कि वे गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे। लेकिन अगर अपनी भाषा के लिए लड़ना गुंडागर्दी है, तो हां हम गुंडे हैं।”