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राहुल गांधी ने लिखा लेख; महाराष्ट्र चुनाव में फिक्सिंग…BJP ने चोरी से जीता चुनाव

चोरी से चुनाव कैसे जीता जाए? राहुल गांधी की इस ‘एक्स’ पोस्ट ने देश में सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है. अपनी पोस्ट में राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जैसी मैच फिक्सिंग की थी, वैसी बिहार चुनाव में भी कर सकती है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने आर्टिकल को ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए राहुल ने कहा कि मैच फिक्सिंग लोकतंत्र के लिए जहर है. आर्टिकल में उन्होंने चरणबद्ध तरीके से आरोप लगाते हुए दावा किया कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली करने का खाका था.लेख में राहुल गांधी ने स्टेप बाय स्टेप अपने आरोपों को साबित करने के लिए दलीलें दी हैं. सबसे पहले उन्होंने साल 2023 में चुनाव आयुक्त नियुक्ति वाले अधिनियम पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बनने वाले पैनल में ही धांधली की गई थी. इसके बाद फर्जी मतदाताओं को वोटर्स लिस्ट में शामिल किया गया. चुनाव आयोग के आंकड़ों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 2019 से 2024 तक महाराष्ट्र में वोटर्स की संख्या सिर्फ 31 लाख बढ़ी लेकिन लोकसभा चुनाव से विधानसभा चुनाव के बीच के 5 महीने में ही वोटर्स की आबादी में 41 लाख की लंबी छलांग लग गई, जो विश्वास करने लायक बात नहीं है.तीसरे नंबर पर राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद वोटिंग परसेंटेज में भी गड़बड़ी की गई. विधानसभा चुनाव के प्रोविजनल वोटर्स टर्नआउट और फाइनल टर्नआउट में 7 फीसदी से ज्यादा का अंतर था. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.इलेक्शन कमीशन ने राहुल के दावों को निराधार करार दिया। आयोग ने कहा, ‘चुनाव के फैसले पक्ष में नहीं आने के बाद ऐसे आरोप लगाना बेतुके हैं। 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को भेजे अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।’

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि फर्जी मतदान वहीं ज्यादा से ज्यादा मात्रा में किए गए जहां भाजपा पिछले चुनाव में कमजोर रही थी या हारी थी. राहुल ने कहा कि चुनाव से सिर्फ एक महीने बाद चुनाव आयोग से बूथ के सीसीटीवी फुटेज मांगे गए तो केंद्र सरकार 1961 के चुनाव संचालन नियम धारा 93(2)(ए) में संशोधन लेकर आई, जिसके तहत सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया गया.राहुल ने अपना आर्टिकल एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी हताश क्यों थी? लेकिन धांधली मैच फिक्सिंग की तरह है. जो पक्ष धोखा देता है वह खेल जीत सकता है, लेकिन संस्थानों को नुकसान पहुंचाता है और नतीजे में जनता का विश्वास खत्म करता है. राहुल ने आगे कहा कि सभी भारतीयों को यह सबूत देखना चाहिए. खुद ही फैसला करना चाहिए और सरकार से जवाब मांगना चाहिए क्योंकि महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग अगली बार बिहार में होगी.भाजपा और एनडीए के घटक दलों ने राहुल गांधी के लेख पर कड़ी आपत्ति जताई है.

राहुल बोले- चुनाव में मैच फिक्सिंग लोकतंत्र के लिए जहर

  • ‘यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी बौखलाहट में क्यों थी, लेकिन हेराफेरी करना मैच फिक्सिंग जैसा है। जो टीम धोखा देती है वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे संस्थाएं कमजोर होती हैं। जनता का चुनाव पर भरोसा खत्म हो जाता है। हर जिम्मेदार भारतीय को इन सबूतों को देखना चाहिए और सवाल पूछने चाहिए। चुनाव में मैच फिक्सिंग किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर है।
  • ‘मैं किसी छोटे-मोटे चुनावी गड़बड़ी की बात नहीं कर रहा, बल्कि ऐसे धांधलेबाजी की बात कर रहा हूं जो बड़े स्तर पर की गई और जिसमें देश की अहम संस्थाओं को कब्जे में लेने की कोशिश की गई।’
  • ‘चुनाव आयुक्त नियुक्ति कानून के जरिए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली कमेटी में CJI की जगह एक केंद्रीय मंत्री को बैठाया गया। इससे निष्पक्षता खत्म हो गई और पूरा कंट्रोल सरकार के हाथ में चला गया। मुख्य न्यायाधीश को हटाकर कैबिनेट मंत्री को लाना ठीक नहीं लगता। सोचिए, कोई किसी निष्पक्ष व्यक्ति को हटाकर अपने आदमी को क्यों लाना चाहेगा? इसका जवाब अपने आप मिल जाता है।’

राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने क्या कहा…….

  • कोई जब इस तरह की गलत सूचना फैलाता है तो इससे उन हजारों प्रतिनिधियों की बदनामी होती है, जिन्हें राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान तैनात करती है। उन लाखों चुनाव कर्मचारियों का उत्साह कम होता है, जो दिन रात बिना थके इलेक्शन ड्यूटी करते हैं।
  • पूरा देश जानता है कि मतदाता सूची तैयार करने, मतदान और मतगणना सहित प्रत्येक चुनाव की पूरी प्रक्रिया सरकारी कर्मचारी करते हैं। वह भी मतदान केंद्र से लेकर निर्वाचन क्षेत्र तक राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों की तरफ से नियुक्त प्रतिनिधियों की मौजूदगी में।
  • फिर चुनाव के फैसले पक्ष में नहीं आने के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है।

महाराष्ट्र में 23 नवंबर 2024 को बनी थी महायुति सरकार पिछले साल 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। महायुति को 230 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला महा विकास अघाड़ी (MVA) 46 सीटों पर सिमट गया।शिवसेना (उद्धव) 20, कांग्रेस 16 और NCP (शरद पवार) के हिस्से 10 सीटें आईं। 2 सीटें सपा ने जीती हैं। 10 सीटें अन्य के खाते में गईं। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 2019 के मुकाबले 2024 में 4% ज्यादा वोटिंग हुई थी। 2019 में 61.4% वोट पड़े थे। 2024 में 65.11% वोटिंग हुई।महाराष्ट्र चुनाव के बाद राहुल लगातार भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप लगाते आ रहे हैं। चुनाव आयोग राहुल के आरोपों पर कई बार जवाब दे चुका है। अप्रैल में चुनाव आयोग ने कहा था- कानून के अनुसार वोटर लिस्ट चुनाव से ठीक पहले या साल में एक बार संशोधित होती है। वोटर लिस्ट की फाइनल कॉपी कांग्रेस समेत सभी पार्टियों को दी जाती है।

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