नई दिल्ली, 26 दिसंबर 2024:
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और हाल ही में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, सांस लेने में तकलीफ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद आज उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक जीवन और योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए अमूल्य रहा है। 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की सेवा की और इस दौरान कई महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक नीतियों को लागू किया। 1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में उनकी भूमिका को ऐतिहासिक माना जाता है। उस समय देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था, और उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया शुरू की, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली। मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों ने भारत को आर्थिक विकास के मार्ग पर अग्रसर किया और देश की प्रगति को गति दी।
मनमोहन सिंह की अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति नवंबर 2024 में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुई थी। वे व्हीलचेयर पर संसद पहुंचे थे और उनके प्रति सांसदों ने गहरा सम्मान व्यक्त किया था। इससे पहले अप्रैल 2024 में उन्होंने राज्यसभा से विदाई ली थी, जहां उन्होंने 33 वर्षों के संसदीय जीवन का स्मरण करते हुए भावुक विदाई भाषण दिया था। उनकी उपस्थिति ने उनके समर्पण और लोकतंत्र के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाया।

26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में ऑनर्स और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल की उपाधि प्राप्त की। उनके शैक्षणिक योगदान और आर्थिक नीतियों के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में पहचान मिली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और वित्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहकर उन्होंने देश की आर्थिक संरचना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और विभिन्न दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कांग्रेस पार्टी ने उनके निधन को देश की “अपूरणीय क्षति” बताया है। सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनकी नीतियों और व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, विद्वता और कर्मठता का प्रतीक था। उन्होंने कभी भी राजनीतिक विवादों में शामिल हुए बिना अपने कार्यों से जनता का विश्वास जीता। उनके कार्यकाल में भारत ने आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की। देश ने आज एक महान नेता और अर्थशास्त्री को खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है। उनका जीवन और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।