बुधवार को संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ। इस दौरान कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. बीआर अंबेडकर पर दिए गए विवादित बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग की। उन पर भारत के संविधान निर्माता का अपमान करने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए शाह का बचाव किया।कांग्रेस सांसद और अन्य विपक्षी नेताओं ने संसद में डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें लेकर ‘जय भीम’ और ‘अमित शाह माफी मांगो’ के नारे लगाए।
बाबा साहब की तस्वीर लेकर विपक्ष का प्रदर्शन
संसद भवन परिसर में विपक्षी सांसदों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया। अंबेडकर के प्रति सरकार के दृष्टिकोण पर विरोध जताते हुए विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया। विपक्ष का कहना है कि बाबा साहेब की विचारधारा और उनके योगदान को कमजोर किया जा रहा है, और उनका अपमान किया जा रहा है। इस हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने सरकार से अंबेडकर के योगदान का सम्मान करने और उनकी विचारधारा को बढ़ावा देने की मांग की। यह प्रदर्शन संसद में लगातार चल रहे राजनीतिक तनाव का हिस्सा है, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।दिल्ली के बाहर भी विरोध प्रदर्शन हुए, जहां कांग्रेस नेताओं ने विभिन्न राज्यों के राजभवनों के बाहर प्रदर्शन किया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद तब शुरू हुआ जब अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान कहा, “अभी एक फैशन हो गया है – अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह के बयान को डॉ. अंबेडकर का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि अमित शाह का यह कहना कि अंबेडकर का नाम लेना एक ‘फैशन’ है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें इस बयान का जवाब देने का मौका नहीं दिया गया।खड़गे ने कहा, “अमित शाह का बयान बाबा साहेब अंबेडकर और उनके द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान है।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस बयान की आलोचना करते हुए कहा, “मनुस्मृति को मानने वाले लोग हमेशा अंबेडकर के खिलाफ रहेंगे।” उन्होंने भाजपा पर समानता और न्याय के अंबेडकर के विचारों का विरोध करने का आरोप लगाया।
केजरीवाल ने भी की आलोचना
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा की आलोचना करते हुए कहा, “देखिए, संसद में अमित शाह कैसे बाबा साहेब अंबेडकर का मजाक उड़ा रहे हैं। अगर अंबेडकर का संविधान नहीं होता, तो गरीब, दलित और पिछड़े समाज के लोगों का इस धरती पर कोई स्थान नहीं होता।”
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए अमित शाह का बचाव किया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शाह के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंबेडकर का सम्मान करने में हमेशा देरी की, यहां तक कि उन्हें दशकों तक भारत रत्न नहीं दिया।उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने 1952 के चुनाव में अंबेडकर को हराने की साजिश रची और उन्हें भारत रत्न देने में सालों तक देरी की।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर किया पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर डॉ. अंबेडकर की विरासत को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और उसके समर्थकों को लगता है कि उनके झूठ से उनके पुराने पाप छिप जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा।”पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अंबेडकर का भारत रत्न देने में देरी की। उनकी तस्वीर को संसद के सेंट्रल हॉल में लगाने से इनकार किया और एससी/एसटी समुदायों पर हुए अत्याचारों के दौरान कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए एससी/एसटी समुदायों के लिए कोई ठोस काम नहीं किया और उनके खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा उनके शासनकाल में हुई।”