आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर भारत के नागरिकों को निशाना बनाया। खासकर जो हिन्दू थे उन्हें निशाना बनाया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए भी पाकिस्तान जिम्मेदार हैं क्योंकि टीआरएफ नामक आतंकवादी संगठन लश्करें तोइबा का ही दूसरा रूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) में 5 बड़े फैसले लिए गए। बैठक ढाई घंटे चली। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, ‘पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 5 बड़े फैसले लिए हैं–
सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उधर, पहलगाम के बैसरन में आतंकी हमले के दूसरे दिन बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली तक बैठकों का दौर चला।पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। इनमें एक नेपाली नागरिक है। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमला 22 अप्रैल को उस वक्त किया गया, जब बैसरन घाटी में बड़ी तादाद में पर्यटक मौजूद थे। मृतकों में UP, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट और 2 स्थानीय भी मारे गए।इधर, सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए गए हैं।इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में मौजूद है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हमले में 5 आतंकी शामिल थे। इनमें से दो लोकल और 3 पाकिस्तानी आतंकी थे।
पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए, सीसीएस ने ये निर्णय लिए-
1. 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन नहीं छोड़ देता.
2. चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. जिन लोगों ने वैध समर्थन के साथ पार किया है, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.
3. सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाता है. वर्तमान में एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं.
4. नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है. उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या में कमी की गई. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह नई दिल्ली में अपने राजनयिक उपस्थिति को घटाकर 30 कर्मचारियों तक सीमित कर दे. वर्तमान क्षमता 55 हो जाएगी.
5. भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे.
बैठक में और क्या हुआ?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आगे कहा, “सीसीएस ने सभी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया. इसने संकल्प लिया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा, जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है.”
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आतंक पर आर.पार की तैयारी, सिंधु से सीमा तक सख्ती
आतंक परस्त पाक के खिलाफ कड़े फैसले
सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से रोका गया
अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद
पाकिस्तानी नागरिकों की प्रवेश पर रोक
पाकिस्तानी राजनयिक को भारत छोड़ने का आदेश
सर्वदलीय बैठक में आतंकवाद के खिलाफ दिखी एकजुटता
सरकार के कड़े कदमों पर सभी दल साथ
आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत की राजनीति एकमत
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी दल एक साथ खड़े हैं
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आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ हुआ खड़ा
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