जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस बर्बर हमले में अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं.इस हमले की भयावहता, आतंकियों की बर्बरता और सुरक्षा एजेंसियों की जवाबी कार्रवाई को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आ चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी घटना के मद्देनजर अपनी सऊदी अरब की यात्रा तक बीच में छोड़कर वापस लौट आए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां एक्शन में आ गई हैं.पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला एक बार फिर साबित करता है कि कश्मीर घाटी में शांति को बाधित करने की साजिशें अभी भी जारी हैं. हालांकि, सरकार और सुरक्षा बल इस हमले का करारा जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं. आने वाले दिनों में कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जा सकती है.आतंकवादियों ने भारत को ना भूलने वाला दर्द दिया है. 2019 के बाद से कश्मीर की घाटी में सबसे बड़ा टेररिस्ट अटैक था. मंगलवार का दिन था, देश विदेश से आए सैलानी यहां के मौसम का आनंद ले रहे थे, तभी गोलियों की तड़तड़ाहट पूरी घाटी कांप उठा, लोग जान बचाने की खातिर इधर उधर भागने लगे. दहशतगर्दो ने नाम पूछ-पूछ कर आईडी देख-देख कर लोगों को भूनना शुरू कर दिया.इस हमले में महाराष्ट्र से 6 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, कई घायल हैं. पुणे के संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे, पनवेल (मुंबई) के दिलीप देसले, अतुल मोने, हेमंत जोशी और कल्याण-डोंबिवली के संजय लेले की इस हमल में मौत हो गई है. वहीं, पनवेल के ही माणिक पटेल और एस भालचंद्र राव गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि जगदाले की पत्नी भी पुणे से हैं, जो इस हमले में घायल हैं. इसके अलावा, नागपुर के रूपचंदानी परिवार के तीन सदस्य भी घायल हुए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया से इसकी पुष्टि की है कि डोंबिवली के मोने के दो रिश्तेदार हेमंत जोशी और संजय लेले भी मारे गए है, तीनों की उम्र 45 से 50 साल के बीच है. वे अपने परिवार के नौ सदस्यों के साथ रविवार को अहमदाबाद के रास्ते कश्मीर गए थे.इस हमले की निंदा केवल आम जनता ने ही नहीं, बल्कि कश्मीर की मस्जिदों से भी इसकी आलोचना करते हुए ऐलान किए गए। लोगों ने सरकार से ऐसे गुनहगारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। यह बदलाव कश्मीर के माहौल में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाता है, क्योंकि अब वहां आतंकवाद के समर्थन में आवाजें उठती नजर नहीं आतीं। हमले के बाद स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर एकजुटता दिखाई।
- पहलगाम आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है. इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पर्यटक शामिल हैं. 16 मृतकों के नाम जारी किए गए हैं. दो विदेशी पर्यटकों की मौत की पुष्टि भी हुई है.
- सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले पर्यटकों के नाम पूछे, उन्हें कलमा पढ़ने के लिए कहा और फिर गोली मारी. कुछ पुरुषों को अपनी पैंट उतारने को मजबूर किया गया और उनके निजी अंगों की जांच के बाद उन्हें गोली मारी गई. यह क्रूरता दिल दहला देने वाली है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना के बाद सऊदी अरब का आधिकारिक दौरा बीच में ही छोड़कर देर रात जेद्दा से भारत लौट आए. दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कैबिनेट कमिटी की आपात बैठक बुलाई है.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं. उन्होंने राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मौजूद थे. अमित शाह आज पहलगाम का दौरा कर सकते हैं.
- हमले के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें गोलियों की आवाजें साफ सुनी जा सकती हैं. सूत्रों का दावा है कि हमलावर पुलिस यूनिफॉर्म में थे. हमले में शामिल चार आतंकियों में से तीन विदेशी और एक स्थानीय बताया गया है.
- लश्कर-ए-तैयबा के नए मोर्चे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने इस हमले से पहले इलाके की रेकी की थी.
- इस हमले में हाफिज सईद के करीबी और लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद उर्फ सैफुल्लाह कसूरी के शामिल होने की खबर है. बताया जा रहा है कि उसका आईएसआई अधिकारियों से भी गहरा संबंध है.
- सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल के पास से एक बिना नंबर प्लेट की काली बाइक बरामद की है. शक है कि तीन से ज्यादा आतंकी इसी बाइक पर सवार होकर पहुंचे थे.
- सेना की आरआर बटालियन के कॉलम को इलाके में सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है. पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी मोर्चे पर हैं. कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
- संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, इटली, संयुक्त अरब अमिरात, इजरायल, ईरान, जापान, जर्मनी सहित दुनियाभर के विभिन्न देशों ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति समर्थन का इजहार किया है.