दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आ चुका है। आप सत्ता से बाहर जा चुकी है। कांग्रेस जीरो पर है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस की हार की हो रही है। कांग्रेस हार कर भी केजरीवाल से बदला लेने में कामयाब रही है। कई सीटें ऐसी हैं, जिसमें कांग्रेस ने सीधे-सीधे आप को हरवा दिया है। जिसमें अरविंद केजरीवाल की भी सीट शामिल है।दिल्ली चुनाव कांग्रेस हार गई, एक भी सीट दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस ने नहीं जीती है, लेकिन उसने हर उस हार का बदला ले लिया, जिसके बारे में दावा किया जाता रहा है कि कांग्रेस, आप के कारण हारी है। आम आदमी पार्टी के कारण कभी कांग्रेस को गोवा, गुजरात, हरियाणा और उत्तराखंड में हार का सामना करना पड़ा था। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस ने सीधे-सीधे कई सीटों पर आप को हरवाया है, जिसमें आप के कई दिग्गज शामिल हैं।
गोवा में आप के कारण हारी थी कांग्रेस?
गोवा में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीत कर भी हार गई थी। कांग्रेस ने तब 28.4 प्रतिशत वोट के साथ 17 सीटों पर जीती थी। बीजेपी 32.5 प्रतिशत वोट के साथ 13 सीटों पर जीती थी। आप एक भी सीट नहीं जीती थी, लेकिन 6.3 प्रतिशत वोट वो काट गई थी। कांग्रेस 3 सीटों से बहुमत से चूक गई थी और बीजेपी ने खेला कर दिया था। कांग्रेस के नेता ये मानते रहे हैं कि अगर आप, गोवा चुनाव में नहीं उतरती या साथ रहती तो वो सीधे-सीधे सरकार बना सकती थी।
गुजरात में जब AAP ने किया था खेला
2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार आप गुजरात गई थी, तब कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त टक्कर दिया था। आप ने भी काफी आक्रमक चुनाव लड़ा था। हालांकि सीट या वोट प्रतिशत के मामले में वो तब ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा पाई थी, लेकिन कांग्रेस को तब भी इससे नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद जब 2022 का चुनाव में भी आप ने अकेले लड़ा था और कांग्रेस का वोट प्रतिशत 41.4 प्रतिशत से गिरकर 27 प्रतिशत तक पर आ गया था। वहीं आप 12.92 प्रतिशत वोट लाने में कामयाब रही थी। 2022 में कांग्रेस को सीधे-सीधे 60 सीटों का नुकसान हुआ था और वो 17 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस की हार में आप को भी एक कारण माना जाता है। आप के कारण कई सीटों पर कांग्रेस को हार मिली थी।
उत्तराखंड में भी आप ने डाला था प्रभाव
उत्तराखंड के पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार अपनी किस्मत आजमाया था, कांग्रेस ने तब आप को बीजेपी की बी टीम करार किया था। विधानसभा चुनाव में आप ने 3.31 प्रतिशत वोट लाया था, जबकि कांग्रेस 37.90 प्रतिशत लाई थी, वहीं बीजेपी 44.30 प्रतिशत वोट लाई थी। कांग्रेस उत्तराखंड चुनाव बुरी तरह से हारी थी। इस हार के लिए भी कांग्रेस कई कारणों में से एक कारण कांग्रेस को मानती रही है।
हरियाणा में भी केजरीवाल हुए थे बागी
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024, लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीनों बाद हो रहा था। लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ी थी। हरियाणा में गठबंधन की बात थी, खुद राहुल गांधी गठबंधन के पक्ष में थे, 6-7 सीट आप को कांग्रेस देने के लिए तैयार थी, लेकिन केजरीवाल ने जेल से बाहर निकलते ही अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। आप भले ही कोई सीट नहीं जीती, लेकिन हरियाणा में भी आप को कांग्रेस के हारने का एक कारण माना जाता है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 39.94 प्रतिशत वोट मिले थे और कांग्रेस को भी 39य09 प्रतिशत वोट मिले थे। वहां आप को 1.79 प्रतिशत वोट मिला था। यहां भी आप ने सीधे तौर पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था।
दिल्ली चुनाव में क्या हुआ
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस लगातार तीसरी बार 0 सीट पर सिमट गई, लेकिन वो कई जगहों पर आप को हरवा गई। केजरीवाल, सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज जैसे दिग्गज हार गए हैं। केजरीवाल सीधे तौर पर कांग्रेस के कारण हारे हैं। अगर कांग्रेस के संदीप दीक्षित नहीं होते तो शायद केजरीवाल जीत जाते, सिसोदिया भी कांग्रेस उम्मीदवार की वजह से हारे हैं। सौरभ भारद्वाज भी सिर्फ कांग्रेस उम्मीदवार की वजह से हारे हैं।कांग्रेस 67 सीटों पर अपनी ज़मानत गंवाने के बावजूद 14 सीटों पर ‘आप’ का खेल बिगाड़ने में कामयाब रही.आसान शब्दों में कहें तो जिन 14 सीटों पर ‘आप’ दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही (एक सीट पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही और ‘आप’ तीसरे नंबर पर), वहां इसका वोट शेयर विजेता उम्मीदवारों की जीत के अंतर से ज़्यादा था.इनमें तीन प्रमुख सीटें शामिल हैं. ये हैं- नई दिल्ली, जंगपुरा और ग्रेटर कैलाश. यहां आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता बीजेपी उम्मीदवारों से हार गए.नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को 6.6 परसेंटेज वोटों के अंतर से हराया. यहां कांग्रेस के संदीप दीक्षित का वोट शेयर 7.4 फ़ीसदी था.जंगपुरा में मनीष सिसोदिया बीजेपी के उम्मीदवार से 0.8 परसेंटेज प्वाइंट वोट के अंतर से हार गए. यहां कांग्रेस का वोट शेयर 8.6 फ़ीसदी रहा.ग्रेटर कैलाश में, सौरभ भारद्वाज बीजेपी की शिखा रॉय से तीन फ़ीसदी वोटों के अंतर से हार गए. यहां कांग्रेस का वोट 6.4 फ़ीसदी रहा.मुस्लिमों की ख़ासी आबादी वाली सीट मुस्तफ़ाबाद में बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने 42 फ़ीसदी वोट शेयर हासिल किया.यहां आम आदमी पार्टी के आदिल अहमद ख़ान दूसरे नंबर पर रहे और एआईएमआईएम के ताहिर हुसैन (आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद) ने 16.6 फ़ीसदी वोट हासिल किए. जबकि इस सीट पर जीत का अंतर 8.7 फ़ीसदी ही है. यानी ताहिर हुसैन ने इससे क़रीब दोगुना ज़्यादा वोट हासिल किया. इंडिया गठबंधन के कुछ नेताओं ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार पर कहा है कि पार्टी को कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए था.पवन खेड़ा ने दावा किया है कि बीजेपी का मुक़ाबला करने और उसे हराने के लिए कांग्रेस पार्टी ज़्यादा ताक़तवर होकर उभर सकती है.