नैनीतालः उत्तराखंड के नैनीताल जिला पंचायत चुनाव को लेकर भले ही अभी हाईकोर्ट में सुनवाई बाकी है. लेकिन इस बीच चुनाव अधिकारी ने नैनीताल जिला पंचायत चुनाव का नतीजा घोषित कर दिया है. इस चुनावी नतीजे में भारतीय जनता पार्टी की दीपा दर्मवाल 1 वोट से जीत गई हैं. वहीं उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की देवकी बिष्ट ने जीत दर्ज की है. हाईकोर्ट में सुनवाई से चुनावी नतीजे जारी कर दिए गए. 14 अगस्त को बवाल के बाद रात में वोटों की गिनती कर ली गई थी. इसके बाद नतीजे को चुनाव आयोग और कोषागार में रख दिया गया था.मतगणना 15 अगस्त को हुई थी लेकिन, परिणाम की घोषणा नहीं की गई थी। मतपत्रों को ट्रेजरी के लॉकर में सुरक्षित रख दिया गया था। मंगलवार को DM वंदना ने औपचारिक रूप से परिणाम घोषित किए। मतगणना के बाद उसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी।
कैमरे के सामने वोटों की गिनती
बता दें कि कांग्रेस ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खूब आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेला, लेकिन कोशिश रंग नहीं लाई. चुनाव भले ही बीजेपी की उम्मीदवार ने जीता लेकिन जीत का प्रमाण पत्र कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार देवकी बिष्ट के नाम से जारी कर दिया गया. हांलाकि देवकी बिष्ट अभी प्रमाण पत्र लेने नहीं पहुंची है. आपको बता दें कि नैनीताल में जिला पंचायत चुनाव के दौरान 14 अगस्त को 5 सदस्यों का अपहरण किया गया था, जिसके बाद कुल 22 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसमें 11 वोट बीजेपी की दीपा दर्मवाल को मिले तो कांग्रेस की पुष्पा नेगी को 10 ही मत मिले. एक वोट निरस्त हुआ है.
उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की जीत
वहीं उपाध्यक्ष पद पर देवकी बिष्ट व बहादूर नगदली को 11-11 वोट मिले, जिस पर फैसला टॉस से हुआ है. हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद नैनीताल चुनाव अधिकारी ने कैमरों के साथ वोटों की गिनती की और रिजल्ट को कोषागार में रख दिया. हालांकि अब कोर्ट में सुनवाई से पहले ही आरओ चुनाव ने परिणाम घोषित कर दिये हैं.
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव अपहरण कांड
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के परिणाम घोषणा के बाद अब भाजपा व कांग्रेस के बीच कोर्ट के बाद अब सड़क पर सियासी जंग छिड़ गई है। हाई कोर्ट ने जहां जिपं अध्यक्ष की कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी की मतगणना में गड़बड़ी व पुनर्मतदान की मांग करती याचिका पर सुनवाई करते हुए सक्षम ट्रिब्यूनल में चुनाव याचिका दायर करने को कहा है, अलबत्ता कोर्ट अपराह्न दो बजे बाद सुनवाई को राजी हो गई है।कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट कानून व्यवस्था के बिंदु पर सुनवाई कर रही है। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने इंटरनेट मीडिया में वायरल उस वीडियो का मामला उठाया, जिसमें एक युवक नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर रहा है। रावत ने कहा कि युवक जिला पंचायत के सदस्यों के अपहरण में शामिल है जबकि महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने इसका विरोध करते हुए कहा कि नैरेटिव सेट करने के लिए बेवजह के मामलों को उठाया जा रहा है।उधर बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने मल्लीताल जीबी पंत की मूर्ति पर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस विधायकों का पुतला दहन किया। आरोप लगाया कि प्रदेश में पंचायत चुनाव में हार की बौखलाहट में कांग्रेसी प्रदेश में अराजकता फैलाने पर आमादा हैं।उन्होंने गैरसैंण विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायकों के हंगामे व तोड़फोड़ की निंदा करते हुए एकस्वर में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे की मांग की। इसमें नगर अध्यक्ष नितिन कार्की, आनंद बिष्ट, भूपेंद्र बिष्ट, विमला अधिकारी, कलावती असवाल, प्रेमा अधिकारी, दीपिका बिनवाल, लता दफौटी, मनोज जगाती, भगवत रावत, मोहित साह, आशीष बजाज, हरीश राणा, दयाकिशन पोखरिया, निखिल बिष्ट, विक्रम राठौर, कैलास मिश्रा, आयुष भंडारी, विकास जोशी, कविता गंगोला सहित अन्य थे।कांग्रेस कार्यकर्ता अपराह्न दो बजे बाद सरकार का पुतला दहन करेंगे। कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल का आरोप है कि भाजपा ने वोट चोरी कर जीत हासिल की है। भाजपा राज में लोकतंत्र की हत्या की गई।
नैनीताल जिला पंचायत अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट ने दिया इस्तीफा
उत्तराखंड के नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान हुए बवाल से दुखी होकर वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने हाईकोर्ट में जिला पंचायत की तरफ से केस लड़ने में असमर्थता जताई है. उनके इस्तीफे के बाद खलबली मच गई है. अधिवक्ता रवींद्र सिंह बिष्ट ने जिला पंचायत के सरकारी वकील पर से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने 14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुए अपहरण कांड को अपने इस्तीफे की प्रमुख वजह बताया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में पुलिस की नाकामी का जिक्र किया है.
अपहरण कांड से दुखी होकर उठाया कदम
रवींद्र बिष्ट ने कहा कि मतदान केंद्र परिसर से चुनाव के दौरान पाँच निर्वाचित सदस्यों का हथियारबंद लोगों की ओर से अपहरण कर लिया गया. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि पुलिस के सामने ये घटना होती रही और पुलिस चुप रही. इस घटना से न केवल आम जनता में डर का माहौल पैदा हो गया है बल्कि पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव पर भी इसका असर पड़ा है. रवींद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि इस तरह के माहौल में वो अब जिला पंचायत की ओर से अधिवक्ता के रूप में कार्य करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय की उम्मीद करना असंभव सा लगता है. इसी पीड़ा के चलते उन्होंने अब अपने पद से हटने का फैसला लिया है.
जिला पंचायत अधिवक्ता पद से दिया इस्तीफा
इस इस्तीफे के बाद प्रशासनिक कार्यशैली और चुनावी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं. रवीन्द्र सिंह पिछले बीस साल से जिला पंचायत के अधिवक्ता थे. उन्होंने डीएम और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. वहीं दूसरी तरफ़ नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर हो रही उठापटक का मामला अब राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है. डीएम वंदना सिंह ने चुनाव संबंधी अंतरिम रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी है. डीएम ने अनंतिम परिणाम तैयार कर लिए हैं लेकिन, अभी तक उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है. अब अंतिम फैसला राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा.