प्रयागराज: महाकुंभ मेला भारत के साथ ही पूरे विश्व में भी लोकप्रिय है और यह मेला हर 12 साल में एक बार लगता है। साल 2025 में महाकुंभ मेला लगने जा रहा है, इससे पहले महाकुंभ मेला 2013 में लगा था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में शाही स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। हर बार कुंभ मेला भारत की चार पवित्र नदियों और चार तीर्थ स्थानों पर ही आयोजित किया जाता है लेकिन महाकुंभ मेले का आयोजन सिर्फ प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में किया जाता है। 12 साल बाद महाकुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। महाकुंभ से जुड़ी वैसे तो कई खास बातें हैं लेकिन सबसे पहले जानते हैं 2025 में महाकुंभ कब और कहां लगेगा। प्रयागराज महाकुंभ भारतीय संस्कृति का दर्पण बने प्रदेश की योगी सरकार इसका सतत प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की तरफ से इसे लेकर विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इससे आस्था के इस महा समागम में आस्था और अध्यात्म के विविध रंगों के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति के भी विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होंगे।महाकुंभ 2025 की दिव्यता ,भव्यता के साथ ही नव्यता का दर्शन अब संगम नगरी में होने लगा है।
संगम क्षेत्र को कुछ खास अनोखे अंदाज में सजाया – बसाया जा रहा है। वहीं संगम की पौराणिक,धार्मिक,आध्यात्मिक महत्व के साथ हिंदू आस्था से जुड़े देवी देवताओं के मंदिरों को नए सिरे से सजाया- संवारा जा रहा है। लगभग 40 करोड़ स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं कल्पवासियों, पर्यटकों को यह महसूस हो कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार ने हिंदू सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा विकास के लिए अतुलनीय कार्य किया है।15 दिसंबर 2025 तक महाकुंभ से जुड़े सभी प्रोजेक्ट को पूरा कॉलेज सरकार द्वारा निर्धारित है। इसमें कुंभ से जुड़े 388 और अन्य को मिलकर कुल 507 प्रोजेक्ट पर 6382.15 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार से भी मदद ली गई है। प्रयागराज शहर की सौंदर्यकरण के लिए 15 लाख वर्ग फिट कलाकृतियां 20 हजार वर्ग फिट में म्यूरल्स बनाया जा रहा है।प्रयागराज शहर के 38 मार्गों का सौंदरीकरण किया जा रहा है इसमें लैंडस्कैपिंग,हॉर्टिकल्चर,थेमेटिक डेवलपमेंट जैसे कार्य किया जा रहे हैं। जहां महाकुंभ 2025 में संगम क्षेत्र तक पहुंचने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं के सुगम यातायात के लिए 40 चौराहों को नए तरीके से डिजाइनिंग किया गया है। वहीं 316 किलोमीटर मार्गों को नए सिरे से बनाया गया है।
साल 2025 में महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन से शुरू होगा और इस कुंभ मेले का समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर होगा। पूरे 12 सालों के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इससे पहले साल 2013 में प्रयागराज में ही महाकुंभ मेले का आयोजन हुआ था। कुंभ मेले में नागा साधु भी पहुंचते हैं जो मेले के खास केंद्र बिंदु होते हैं।यूपी परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुंभ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए सात हजार बसों को संचालित करेगा। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गई है।महाकुंभ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किए जाने की योजना है।महाकुंभ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 3 फरवरी, 2025 को है।
महाकुंभ 2025 के शाही स्नान की तारीख
पौष पूर्णिमा – 13 जनवरी 2025
मकर संक्रांति – 14 जनवरी 2025
मौनी अमावस्या – 29 जनवरी 2025
बसंत पंचमी – 3 फरवरी 2025
माघ पूर्णिमा – 12 फरवरी 2025
महाशिवरात्रि – 26 फरवरी 2025