महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की दिल्ली में मीटिंग हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- चुनाव परिणामों से निराश नहीं होना चाहिए। पार्टी को मजबूत करने के लिए ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की जरूरत है।उन्होंने कहा, ‘हमें चुनावी रणनीति में भी सुधार करना होगा, माहौल पक्ष में मतलब जीत की गारंटी नहीं होता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक में एक बार फिर EVM पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘EVM ने चुनाव प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है, चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए।’खड़गे ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कोई भी अंकगणित परिणामों को सही नहीं ठहरा सकता। लोकसभा चुनाव में जिस तरह से महाविकास अघाड़ी (MVA) ने प्रदर्शन किया, उस हिसाब से विधानसभा के परिणाम देखकर चुनावी पंडित भी भ्रमित हैं।
1. संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव की जरूरत खड़गे ने कहा- राज्य चुनावों में उम्मीद से कम प्रदर्शन हमारे लिए चुनौती है। पार्टी नेताओं में एकता की कमी, एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी चुनावों में हमें नुकसान पहुंचा रही है, इस पर सख्त अनुशासन की जरूरत है। पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर से लेकर AICC तक बदलाव लाने होंगे।
2. माहौल पक्ष में मतलब जीत की गारंटी नहीं खड़गे ने बैठक में कहा- चुनाव का माहौल हमारे पक्ष में होने से जीत की गारंटी नहीं मिलती। टाइम बाउंड स्ट्रैटेजी बनाने और पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। विधानसभा चुनावों के लिए एक साल पहले से तैयारी करनी होगी, मतदाता सूचियों की जांच करनी होगी।
3. हमें अपनी चुनाव रणनीति में सुधार करना होगा खड़गे ने कहा- महाराष्ट्र में कोई भी अंकगणित परिणामों को सही नहीं ठहरा सकता। MVA के लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद चुनाव पंडित भ्रमित हैं। हमें अपनी चुनाव रणनीति में सुधार करना होगा। दुष्प्रचार, गलत सूचना का मुकाबला करने के तरीके विकसित करने होंगे।
4. कांग्रेस के लिए सत्ता में आना महत्वपूर्ण खड़गे ने कहा कि कांग्रेस के लिए सत्ता में आना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे देश भर में लोगों के एजेंडे को लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के अच्छे नतीजों के बाद विधानसभा चुनाव के नतीजों ने हमें झकझोर दिया, हमें कड़े कदम उठाने होंगे।
5. मणिपुर से लेकर संभल तक बहुत गंभीर मसले हैं खड़गे ने कहा- बातें बहुत सी हैं। मणिपुर से लेकर संभल तक का बहुत गंभीर मसले है। बीजेपी देश का ध्यान अपनी विफलताओं से भटकाने के लिए कई धार्मिक मुद्दों को विभिन्न माध्यमों से हवा देने की कोशिश कर रही है। हमें सत्ता में बैठी विभाजनकारी ताकतों को हर हालत में हराना है। क्योंकि हमने ये शानदार देश बनाया है।
महाराष्ट्र चुनाव रिजल्ट पर कांग्रेस को आपत्ति, चुनाव आयोग को लेटर लिखा कांग्रेस ने शुक्रवार को ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग-काउंटिंग प्रोसेस में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा और व्यक्तिगत सुनवाई की मांग की।वोटर्स को मनमाने ढंग से जोड़ा और हटाया गया। इसके चलते जुलाई 2024 से नवंबर 2024 के बीच महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में लगभग 47 लाख नए वोटर्स शामिल किए गए।ऐसा 50 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 50 हजार नए वोटर्स जोड़े गए, उनमें से 47 सीटों पर सत्ताधारी गठबंधन और उसके सहयोगियों ने जीत दर्ज की।21 नवंबर 2024 को शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में वोटिंग प्रतिशत 58.22% था, जो रात 11:30 बजे तक बढ़कर 65.02% हो गया। फाइनल रिपोर्ट में 66.05% वोटिंग दर्ज की गई। जो काउंटिंग शुरू होने से कई घंटे पहले घोषित हुआ। एक घंटे में यानी शाम 5 बजे से 6 बजे के बीच लगभग 76 लाख वोट डाले गए।
कांग्रेस नेता हार की वजह तलाशने में जुटे हैं. इसी बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लगातार हार के लिए नेताओं की बयानबाजी और एकता की कमी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सामने उन्होंने नेताओं को नसीहत दी कि अभी वक्त है, संभल जाएं.खरगे ने कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस पार्टी ने नए जोश-खरोश के साथ वापसी की थी. लेकिन उसके बाद हुए 3 राज्यों के चुनावी नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे. इंडिया अलायंस ने 4 में से 2 राज्यों में सरकार बनाई. मगर हमारा परफार्मेंस अपेक्षा से काफी कम रहा. खरगे ने इसकी वजह बताई. उन्होंने कहा, सबसे अहम बात जो मैं बार-बार कहता हूं कि आपसी एकता की कमी और एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है. जब तक हम एक हो कर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे?खरगे ने कहा, कई राज्यों में हमारा संगठन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. संगठन का मजबूत होना हमारी सबसे बड़ी जरूरत है. पर इसका मतलब ये नहीं कि हम चुनावी राज्यों में वहां के जरूरी लोकल मुद्दों को भूल जाएं. राज्यों के अलग-अलग मुद्दों को समय रहते बारीकी से समझना और उसके इर्द-गिर्द ठोस चुनावी रणनीति बनाना भी जरूरी है. कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ-साफ कहा, नेशनल इश्शू और नेशनल लीडर्स के सहारे आप कब तक राज्यों के चुनाव लड़ेंगे? हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए कभी सफलता नहीं पा सकते.
कांग्रेस अध्यक्ष ने इवीएम पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा- मैं मानता हूं कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा. मगर देश में फ्री और फेयर इलेक्शन सुनिश्चित करवाना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है. बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है. महाराष्ट्र पर बात करते हुए खरगे ने कहा, सिर्फ 6 महीने पहले जिस तरह के नतीजे लोकसभा में एमवीए के पक्ष में आए थे, उसके बाद विधानसभा का नतीजा राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है. जैसे परिणाम आए हैं कि कोई भी अंकगणित इसे जस्टीफाई करने में असमर्थ है.खरगे ने कहा, हमारे बार-बार हारने से फासिस्ट ताकतें अपनी जड़ें गहरी बना रही हैं. एक-एक कर वो राज्य की संस्थाओं पर भी अपना कब्जा जमा रहे हैं. संविधान को बनाने और लागू करने में अगर किसी एक दल को सबसे अधिक क्रेडिट जाता है तो वह कांग्रेस ही है. मणिपुर से लेकर संभल तक का बहुत गंभीर मसले हैं. बीजेपी देश का ध्यान अपनी विफलताओं से भटकाने के लिए कई धार्मिक मुद्दों को विभिन्न माध्यमों से हवा देने की कोशिश कर रही है.खरगे ने कहा, लोकसभा चुनाव में उत्साह भरे नतीजों को हासिल करने के बाद विधानसभा के चुनावों में हमें धक्का लगा है. इसीलिए हमें कठोर निर्णय लेने होंगे. आखिर में मैं ये कहना चाहता हूं कि हमें पराजय से हताश होने की जरूरत नहीं है. हमें नए संकल्प के साथ जमीनी लेवल से ब्लाक, जिला से लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी स्तर तक बदलाव लाना होगा.