डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे. उन्होंने जीत की घोषणा भी कर दी है. ट्रंप को 538 में अब तक 277 इलेक्टोरल वोट मिले हैं. जबकि कमला हैरिस को 224 वोट मिले हैं. ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं, जबकि हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी की उम्मीदवार हैं. ट्रंप को धमाकेदार जीत पर वैश्विक नेताओं से लगातार बधाई मिल रही है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की ‘ऐतिहासिक’ जीत सुनिश्चित होने पर बुधवार को उन्हें बधाई दी और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया. मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, मेरे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई. आपके अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं के क्रम में, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नए सिरे से आगे बढ़ाने की आशा करता हूं. आइए एक साथ मिलकर अपने लोगों की बेहतरी के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें.
4 साल बाद ट्रंप का दबदबा फिर देखने को मिला है. इस जीत के साथ ही उन्होंने कीर्तिमान भी रचा है. 131 साल बाद अमेरिका की सत्ता में काबिज होने का रिकॉर्ड बनाया है. वो ग्रोवर क्लीवलैंड (1885-1889 और 1893-1897) के बाद दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने 4 साल के अंतराल के बाद व्हाइट हाउस में वापसी की है.डोनाल्ड ट्रंप को 277 इलेक्टोरल वोट मिले हैं. कमला हैरिस को 224 इलेक्टोरल वोट मिले हैं. किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए अमेरिका में 270 इलेक्टोरल वोटों की जरूरत होती है. अभी वोटों की गिनती जारी है. आधिकारिक ऐलान बाकी है. 17 दिसंबर को इलेक्टर्स की बैठक होगी. 6 जनवरी को सांसदों की बैठक में इलेक्टोरल वोटों की गिनती होगी. इसके बाद 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति शपथ लेंगे.डोनाल्ड ट्रंप ने जीत के बाद अमेरिकी नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये क्षण देश को उबारने में मदद करेगा. अमेरिका ने हमें अभूतपूर्व जनादेश दिया है. ट्रंप ने लोगों से कहा कि मैं आपके लिए लड़ता रहूंगा. ऐसी जीत पहले कभी नहीं देखी.आपके लिए जीवन की अंतिम सांस तक खड़ा रहूंगा. तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक एक मजबूत और समृद्ध अमेरिका आपको नहीं दे देता, जिसके आप हकदार हैं. अगले 4 साल अमेरिका का स्वर्णिम काल होगा.
याद दिला दें कि अमेरिका में दो दलों के बीच मुकाबला होता है. डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी के बीच मुकाबला होता है वर्तमान में जो बाइडेन की सरकार है. वे डेमोक्रेटिक पार्टी के 2020 में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति बने थे. उन्होंने तब डोनाल्ड ट्रंप को हराया है. बाइडेन को 306 और ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट्स मिले थे. 2020 की हार को डोनाल्ड ट्रंप ने आरंभ में स्वीकार नहीं किया था. लेकिन बाद में कोर्ट ने उनके सारे आरोपों को खारिज कर दिया था. इससे पहले जब 2016 में डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से चुनाव जीते थे तब उन्हें 304 और तब की डेमोक्रेट्स की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को 227 इलेक्टोरल वोट मिले थे. 2024 के चुनाव में आरंभ में जो बाइडेन एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से प्रत्याशी के रूप में आगे आए थे. लेकिन चुनाव प्रचार के कुछ ही दिनों बाद पार्टी में उनके विरुद्ध आवाजें उठीं और उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपनी जगह मैदान में उतारने का ऐलान किया. पार्टी ने कमला हैरिस के नाम का अनुमोदन किया और वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से प्रत्याशी हो गईं. दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप जो 2016 का चुनाव जीत कर राष्ट्रपति बने थे, एक बार फिर मैदान में उतरे. डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक रवैये और जो बाइडेन की उम्र के चलते पहली चुनावी डिबेट में जो बाइडेन काफी पिछड़ने लगे थे. जिसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी में जो बाइडेन का विरोध हुआ और जुलाई में जो बाइडेन अपना नाम वापस लेने के साथ ही कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया था. कमला हैरिस के पास डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक रुख का जवाब देने के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं था. लेकिन कमला हैरिस ने चुनाव में जोरदार कैंपेन किया. डोनाल्ड ट्रंप को इस बार के चुनाव में अमेरिका के कई उद्योगपतियों का समर्थन हासिल था. दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार एलन मस्क ने तो समर्थन के साथ ही खुलकर कई बार डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में प्रचार भी किया.