नई दिल्ली. अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए हैं. यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2110 करोड़ रुपए (250 मिलियन डॉलर) की रिश्वत देने का वादा किया था. इस मामले में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल पर रिश्वत के आरोप लगाए गए हैं.यह खबर सामने आने के बाद आज प्री-ओपन सेशन में अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लग गया. अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है.न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के आदेश में कहा गया, “2020 से 2024 के बीच, एक भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने, जो एक भारतीय समूह की पोर्टफोलियो कंपनी थी और अमेरिकी एक्सचेंज पर सूचीबद्ध थी, कनाडा के एक संस्थागत निवेशक के साथ मिलकर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची. इस साजिश का उद्देश्य भारतीय सरकारी संस्थाओं के साथ लाभदायक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों को सुनिश्चित करना था.”
कोर्ट ने कहा है कि इसी अवधि के दौरान, भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिकी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को कंपनी की भ्रष्टाचार-रोधी नीतियों को लेकर गलत जानकारी दी. इन अधिकारियों ने इन्हीं निवेशकों और संस्थानों से यह तथ्य छुपाया कि वे भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर की फंडिंग प्राप्त कर रहे थे. इनमें सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध भी शामिल थे. इसके अलावा, आदेश में कहा गया है कि संबंधित कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और कनाडाई संस्थागत निवेशकों ने इस रिश्वत योजना की जांच में अमेरिकी सरकार को बाधित करने की साजिश रची.इस मामले में आरोपी बनाए गए सागर अडानी, गौतम अडानी के भतीजे हैं. सागर 2015 में अडानी समूह में शामिल हुए थे. सागर, ग्रुप के एनर्जी बिजनेस और फाइनेंस को मैनेज करते हैं. वह रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस में फोकस करते हैं और 2030 तक कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादक बनाने का इरादा रखते हैं.बुधवार को ही अडानी ग्रुप ने 20 वर्षीय ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी. इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी जिला अदालत और सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की इकाइयों ने $600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड सेल रद्द कर दिया है.
ट्रंप ने किया था वादा
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ने निवेश की घोषणा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई भी दी। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप ने ऊर्जा कंपनियों के लिए नियमों को सरल बनाने का वादा किया है। इससे उनके लिए संघीय भूमि पर ड्रिलिंग करना और पाइपलाइनों का निर्माण करना आसान हो जाएगा।अभियोग में यह भी आरोप लगाया गया है कि अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और एक अन्य कार्यकारी विनीत एस. जैन ने अडानी ग्रीन एनर्जी के लिए 3 बिलियन डॉलर से अधिक के लोन और बॉन्ड हासिल करने के लिए ऋणदाताओं और निवेशकों से रिश्वत की बात छिपाई।ये आरोप विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के अंतर्गत आते हैं, जो विदेशी व्यापार सौदों में रिश्वतखोरी के खिलाफ एक अमेरिकी कानून है।
जारी हुए गिरफ्तारी वारंट
रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और सागर अडानी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने दोनों व्यक्तियों और एक अन्य व्यक्ति सिरिल कैबनेस के खिलाफ संबंधित नागरिक आरोप दायर किए हैं। हालांकि अमेरिकी सरकार ने अभी तक अडानी और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ विशिष्ट आरोपों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है।
अभियोग से कुछ घंटे पहले ही बॉन्ड बेचे
अभियोग की खबर से कुछ घंटे पहले ही अडानी ग्रुप की एक इकाई ने 600 मिलियन डॉलर की पेशकश के लिए अमेरिकी कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में प्रवेश किया। इस पेशकश को 3 गुना से अधिक ओवर सब्सक्राइब किया गया। बाद में इन बॉन्ड की बिक्री भी रद्द कर दी गई थी।अडानी ने एक महीने पहले भी इसी तरह की पेशकश की थी। हालांकि ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार मूल्य निर्धारण को लेकर निवेशकों के विरोध के बाद उस पेशकश को स्थगित करना पड़ा।
अमेरिका में लगे आरोप पर अडानी ग्रुप ने जारी किया बयान
अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य पर राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 2,110 करोड़ रुपए ($265 मिलियन) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. कथित तौर पर रिश्वत 2020 और 2024 के बीच दी गई थी. अब इसको लेकर कंपनी ने बयान जारी किया है. अडानी ग्रुप ने अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है. ग्रुप ने अब अपना अगला कदम भी स्पष्ट कर दिया है.अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है. जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने स्वयं कहा है. अभियोग में लगाए गए आरोप आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक डिफेंडेंट्स को निर्दोष माना जाता है.सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे. अडानी समूह ने हमेशा अपने संचालन के सभी क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और रेगुलेशन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाले संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है.कंपनी ने कहा है कि यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक आपराधिक अभियोग जारी किया है और एक सिविल शिकायत दर्ज की है. यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इस तरह के आपराधिक अभियोग में शामिल किया है. इन घटनाक्रमों के मद्देनजर कंपनी ने ये फैसला लिया है कि ग्रुप की सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित यूएसडी नामित बॉन्ड पेशकशों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है.