नई दिल्ली 31 मार्च। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ चिंतक और संगठनकर्ता राजकुमार भाटिया को प्रथम प्रो.देवेन्द्र स्वरूप स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रख्यात इतिहासकार प्राध्यापक और पत्रकार स्व.देवेन्द्र स्वरूप की स्मृति में स्थापित इस सम्मान की स्थापना दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन ने की है। उल्लेखनीय है कि प्रो. देवेन्द्र स्वरूप और राजकुमार भाटिया इसी महाविद्यालय में प्राध्यापक थे। कॉलेज के सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने की जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर साप्ताहिक पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर सम्मिलित हुए। स्व.देवेन्द्र स्वरूप पांचजन्य के संपादक भी थे। स्व.देवेन्द्र स्वरूप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और विचारक थे।

पीजीडीएवी कॉलेज में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने किया सम्मानित
पीजीडीएवी कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित प्रथम प्रो.देवेन्द्र स्वरूप स्मृति सम्मान समारोह के मौके पर भाजपा के वरिष्ठ संगठनकर्ता वी.सतीश और भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक सुरेश जैन उपस्थित थे। पीजीडीएवी कॉलेज की प्राचार्य डॉ कृष्णा शर्मा प्राध्यापक अविनिजेश अवस्थी और पीजीडीएवी कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने आयोजन को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई और सभी वक्ताओं ने प्रोण् देवेन्द्र स्वरूप के महान व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए उन्हें एक वैचारिक योद्धा, आदर्श समाजसेवी और एक राष्ट्रभक्त शोधार्थी बताया।

कार्यक्रम में प्रो देवेन्द्र स्वरूप पर पांचजन्य द्धारा जारी की गई पुस्तिका का विमोचन किया गया
इस अवसर पर पांचजन्य के संपादक और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हितेश शंकर ने कहा कि गहरे शोध पूर्ण लेखन से प्रो देवन्द्र स्वरूप ने वैचारिक अभियान को जो धार दी उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं है। संघ बीज से वृक्ष जातिविहीन समाज का सपना, अयोध्या आंदोलन और संविधान की औपनिवेशिक पृष्ठभूमि पर उनके द्वारा किया गया कार्य हमेशा मार्ग दिखाता रहेगा। सच यह भी है कि अपना मूल्य स्थापित करने के लिए कभी.कभी बहुत कीमत चुकानी पड़ती है। प्रो देवेन्द्र स्वरूप ने अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए अभाव सहते हुए भी अपना प्रभाव स्थापित किया। राजकुमार भाटिया ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उन्हें प्रो देवेन्द्र स्वरूप जैसी महान विभूति की स्मृति में दिए जाने वाले प्रथम सम्मान के लिए चुना गया है इसके लिए मैं पीजीडीएवी कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन का धन्यवाद करता हूं। साथ ही पीजीडीएवी कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन के लिए ऐसा उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम सोचने और उसे क्रियांवित करने के लिए अभिनंदन करता हूं। उन्होंने पूर्व छात्र परिषद के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे अधिक सक्रिय करने पर बल दिया।

राष्ट्रवादी विचारक स्व.देवेन्द्र स्वरूप की स्मृति में एलुमनाई एसोसिएशन ने की सम्मान की शुरुआत
भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक सुरेश जैन ने कहा कि स्व. प्रो देवेन्द्र स्वरूप और उनकी याद में शुरू किए गए सम्मान से सम्मानित राजकुमार भाटिया हम सभी लोग जिन्हें प्रेम से राज जी कह कर पुकारते हैं उनका सम्मान सभी के लिए प्रेरणा देने वाला है। एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष एंव वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा ने कहा कि प्रोण् देवेंद्र स्वरूप जी एक प्रखर राष्ट्रवादी विचारक इतिहासकार एवं लेखक थे जिन्होंने अपने शोध व लेखन से समाज को दिशा देने का कार्य किया। उनके नाम पर स्थापित यह सम्मान ज्ञान, विचार और शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को समर्पित है।

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि प्रख्यात इतिहासकार प्राध्यापक और पत्रकार स्व.देवेन्द्र स्वरूप की स्मृति में सम्मान की स्थापना और उसकी शुरूआत करना पीजीडीएवी कॉलेज एलुमनी एसोसिएशन की अच्छी पहल है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ चिंतक और संगठन कर्ता राजकुमार भाटिया को प्रथम प्रो.देवेन्द्र स्वरूप स्मृति सम्मान से सम्मानित करने का फैसला भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहते हुए मेरे जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओं का जीवन गढ़ने में राज जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। स्व. प्रो देवेन्द्र स्वरूप को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विषय में चलता फिरता इन्साइक्लोपीडिया कहा जाता था। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने इस अवसर पर विधानसभा के भीतर चल रहे परिदृश्य पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्हें बतौर विधानसभा अध्यक्ष ऐसे विपक्ष की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जो अपने जन्म काल से ही सत्ता में रहा। उसका यह अहंकार ही सदन को संचालित करने में बाधा बन रहा है। इसके बावजूद हमने तय कर रखा है कि हम सदन की कार्यवाही को नियमित रूप से संचालित करेंगे ताकि जनहित में और दिल्ली के हित में निर्णय हों।