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टैरिफ की जिद छोड़ो वरना लड़ेंगे! चीन ने ट्रंप को दी धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त टैरिफ नियमों ने वैश्विक व्यापार युद्ध को हवा दे दी, जिससे सोमवार को हालात और बिगड़ गए. ट्रंप ने चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी, तो यूरोपीय संघ ने भी 25% जवाबी टैरिफ का प्रस्ताव रखा है. नतीजा? दुनिया भर के शेयर बाजार लगातार गिरते जा रहे हैं. तेल की कीमतें $60 प्रति बैरल तक गिर गईं. रूस, जो तेल पर निर्भर है और युद्ध के कारण संकट में है, उसका यूराल्स तेल $50 के करीब पहुंच गया. दूसरी ओर चीन ने ट्रंप की नई धमकी को इसे ‘गलती पर गलती’ करार देकर आर-पार की लड़ाई ठानी, तो वहीं बांग्लादेश और वियतनाम अमेरिका के सामने झुकते दिख रहे हैं. ताइवान और दक्षिण कोरिया बातचीत की राह तलाश रहे हैं, पर ट्रंप पीछे हटने को तैयार नहीं. भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को 1.5% उछला, लेकिन बाकी दुनिया संकट में है.

डोनाल्ट्र ट्रंप के नए व्यापार करों ने एशिया के देशों को परेशानी में डाल दिया है. हर देश अपने तरीके से इस संकट से निपटने की जुगत में है. चीन ने अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को चीन के सरकारी प्लानर ने देश की बड़ी निजी कंपनियों- ट्रिना सोलर, राइड-हेलिंग कंपनी दीदी और गोअरटेक के साथ बैठक की. यह मीटिंग इसलिए की गई ताकि ट्रंप के नए टैरिफ से निपटने के लिए सुझाव मिल सकें. इन कंपनियों से पूछा गया कि अमेरिका के अतिरिक्त टैरिफ का जवाब कैसे दिया जाए, ताकि चीन की अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके. ये कदम दिखाता है कि चीन अब सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस रणनीति बना रहा है.चीन से इस ट्रेड वार के खिलाफ एक बड़ी आवाज आई है. मंगलवार को सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के संस्थापक हेनरी वांग ने बीबीसी रेडियो 4 के टुडे प्रोग्राम में ट्रंप को ललकारा. वांग ने कहा कि अमेरिका को चीन को बातचीत की मेज पर बुलाना चाहिए और बताना चाहिए कि उसने ये ‘बेबुनियादी’ और ‘अनैतिक’ व्यापार युद्ध क्यों छेड़ा. उन्होंने चेताया, ‘अमेरिका ने ये जंग शुरू की, तो उसे चीन को जवाब देना होगा.’ उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका को नौकरियां जाने का रोना नहीं रोना चाहिए, क्योंकि उसने खुद अपनी मैन्युफैक्चरिंग को छोड़ दिया.

इंडोनेशिया: इंडोनेशिया, जहां 32% टैरिफ लगा है, ने कहा कि वो अमेरिका से पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और सोयाबीन खरीदेगा ताकि बातचीत का रास्ता बने. साथ ही, सरकार ने चेताया कि अगर अमेरिकी निर्यात महंगा पड़ा, तो वियतनाम, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन से सामान लेने की सोचेगी.

श्रीलंका: श्रीलंका पर 44% का भारी टैरिफ है वह भी परेशान है. राष्ट्रपति ने ट्रंप को चिट्ठी लिखी और मुलाकात करेंगे.

दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया (26% टैरिफ) चुपचाप दूसरों की चाल देख रहा है, ताकि अपनी रणनीति बनाए. सरकार ने सपोर्ट प्लान तैयार करना शुरू कर दिया.

सिंगापुर: सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग ने 10% टैरिफ पर नाराजगी जताई, कहा- ‘दोस्त के साथ ऐसा नहीं करते.’ सिंगापुर अमेरिकी सामानों पर जीरो टैरिफ लगाता है, फिर भी घाटे में है.

ताइवान: ताइवान (32% टैरिफ) ने कहा कि वो कभी भी बातचीत को तैयार है.

 बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अमेरिका से बड़ी मांग की है. बांग्लादेश सरकार ने कहा कि वो चाहती है कि अमेरिका अपने टैरिफ प्लान को तीन महीने के लिए टाल दे. अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस के दफ्तर ने बताया कि इससे बांग्लादेश को अमेरिकी सामानों का आयात बढ़ाने की अपनी योजना को आसानी से लागू करने का मौका मिलेगा. सरकार ने पहले ही वादा किया है कि वो अमेरिका से ज्यादा ऊर्जा, कपास और गेहूं खरीदेगी. चीन और वियतनाम के बाद बांग्लादेश अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा सप्लायर है.

वियतनाम अमेरिका से खरीदेगा ज्यादा सामान

वियतनाम ने ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए बड़ा दांव खेला है. मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने ऐलान किया कि वियतनाम अमेरिका से ज्यादा सामान खरीदेगा. इसमें सुरक्षा और रक्षा से जुड़े उत्पाद भी शामिल होंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिकी विमानों की तेज डिलीवरी की मांग भी की. वियतनाम पर ट्रंप के 46% टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है, जो इसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.

ताइवान ने अमेरिका से टैरिफ बातचीत का दरवाजा खोला

ताइवान ने अमेरिका के साथ टैरिफ और व्यापार पर बातचीत के लिए हाथ बढ़ाया है. मंगलवार सुबह विदेश मंत्री लिन चिया-लुंग ने कहा कि वो किसी भी वक्त अमेरिका से बात करने को तैयार हैं. ये बयान तब आया है, जब सोमवार को ताइवान का शेयर बाजार अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के साथ धराशायी हो गया.

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