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PDA के लिए संविधान बचाना जीवन-मरण का सवाल ; अखिलेश यादव

भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ‘यह संविधान हमारी ढाल है, हमारी सुरक्षा है, यह हमें समय-समय पर शक्ति प्रदान करता है। संविधान शोषित, उपेक्षित, पीड़ित और वंचितों के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है। यह संविधान बहुत बड़ा सहारा है। हमारे जैसे लोगों और देश के कमजोर लोगों के लिए, खासकर PDA के लिए संविधान बचाना जीवन-मरण का सवाल है।’

हम जाति जनगणना कराएंगे- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ पर बहस में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब भी हमें मौका मिलेगा, हम जाति जनगणना कराएंगे।’ अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जाति सर्वेक्षण से जातियों के बीच की खाई पाटी जा सकेगी। उन्होंने सरकार से गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े देने की भी मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कथित चीनी अतिक्रमण को लेकर सरकार पर हमला किया और दावा किया कि देश की सीमाएं सिकुड़ रही हैं।अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. अनुच्छेद 14 का हवाला देते हुए सपा सांसद ने कहा कि कुछ कानून अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होते हैं. अगर भगवाधारी सत्ताधारी दल का कोई सदस्य गाली दे तो वह स्वीकार्य है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति न्याय मांगने जाए तो वह स्वीकार्य नहीं है.अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान कहता है कि सरकार की नजर में सभी समान हैं. लेकिन उन्होंने यह भी दावा किया, “देश के अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश की जा रही है, उन पर हमले किए जा रहे हैं, उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.”पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं और विधानसभा उपचुनाव के समय लोगों को वोट डालने से भी रोका गया.

जाति जनगणना से भेदभाव नहीं बढ़ेगाः अखिलेश

लोकसभा में संविधान की 75 सालों की गौरवशाली यात्रा पर आयोजित चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यदि यह सरकार जातिगत जनगणना नहीं करवाती है तो विपक्ष में बैठे लोग जब भी सत्ता में आएंगे तो इसे जरूर कराएंगे. उनका कहना है कि जातिगत जनगणना से समाज में कोई भेदभाव नहीं बढ़ेगा. इसके जरिए लोगों के हित में कई नीतियां लाई जा सकेंगी.अखिलेश ने कहा कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की कोशिश की जा रही है और ये लोग देश में शांति बनाए रखना नहीं चाहते, उन्हें कानून की परवाह नहीं है. उन्होंने आजादी के बाद धार्मिक स्थलों की स्थिति पर सवाल उठाने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में रोक लगाने का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि लिंचिंग से व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंच रही है, सरकारी विनियमन से व्यापारी तनाव में हैं.

हमारी सीमाएं लगातार सिकुड़ रहीः अखिलेश

अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर सांसद अखिलेश ने कहा कि हमारी सीमाएं लगातार सिकुड़ती जा रही है. भारत और चीन की सेना सीमा से पीछे हटी है, जिसमें भारतीय सेना अपने ही क्षेत्र से ज्यादा पीछे हटी है जबकि चीनी सेना मामूली तौर पर पीछे हटी है. अपनी सीमाओं की रक्षा करना ही संप्रभुता की रक्षा करना होता है.संविधान के महत्व का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान हमारी रक्षा कवच और ढाल है. संविधान हमारी सुरक्षा करता है. संविधान हमें शक्ति भी देता है. संविधान पीड़ित और वंचितों को संरक्षण देता है. संविधान की रक्षा हमारे लिए जीवन-मरण का सवाल है.

देश में विषमता तेजी से बढ़ीः अखिलेश

उन्होंने कहा कि बाबा अंबेडकर की दूरदृष्टि की वजह से ही हमें एक महान संविधान मिला है जो कानून, स्वतंत्रता, समानता और एकता के सिद्धांतों पर आधारित है. संविधान हमारे देश में दलितों और शोषितों का सच्चा रक्षक है। यह लोकतंत्र की प्राणवायु है. उन्होंने कहा कि संविधान ने ही विविधताओं से भरे इस देश को एक सूत्र में बांधकर रखा है. पीडीए (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) के लिए यह संविधान जीवन और मरण का विषय है.उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद देश में विषमता जितनी तेजी से बढ़ी है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. अखिलेश ने कहा, “आज 142 करोड़ लोगों में आज 82 करोड़ लोग सरकारी अन्न पर जिंदा हैं. तो दूसरी ओर देश की आधी से ज्यादा संपत्ति पर महज कुछ परिवारों का ही कब्जा है. सरकार लगातार कहती है कि अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर जा रही है तो ऐसे में सरकार बताए कि 60 प्रतिशत लोगों की प्रति व्यक्ति आय क्या है?”

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