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मुझे जान का खतरा… राहुल गांधी ने पुणे की कोर्ट में किया खुलासा

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी जान को खतरा होने की बात पुणे की जिला अदालत में कही. स्वतंत्रता सेनानी सावरकर अपमान मामले में पुणे जिला सत्र न्यायालय में राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई चल रही थी. तभी राहुल गांधी के वकीलों ने कोर्ट में यह बड़ा दावा किया. बताया गया कि राहुल गांधी की जान को खतरा है. कुछ सांसदों की ओर से पहले ही राहुल गांधी को धमकी दी जा चुकी है. राहुल गांधी की तरफ से अपनी याचिका में कहा गया कि बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्‍हें धमकी दी थी. साथ ही कहा गया कि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी उन्‍हें देश का नंबर-1 आतंकी करार दिया था.

सुरक्षा पर निष्पक्ष सुनवाई की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पुणे की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में दावा किया है कि उन्हें जान का गंभीर खतरा है. राहुल गांधी के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उनकी सुरक्षा और निष्पक्ष सुनवाई को लेकर “गंभीर आशंकाओं” पर न्यायिक संज्ञान ले. मामला पुणे के रहने वाले सत्या‍की सावरकर की ओर से दायर मानहानि याचिका से जुड़ा है. राहुल गांधी ने अदालत में कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों और हाल के राजनीतिक संघर्षों के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है. उन्होंने विशेष रूप से शिकायतकर्ता की पारिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि यह पहलू भी उनकी आशंका को गंभीर बनाता है.

केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी की ओर से वकील मिलिंद पवार ने एक न्यायिक अर्ज़ी दाखिल की, जिसमें दो सार्वजनिक धमकियों का भी उल्लेख किया गया. पहली धमकी केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बयान से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को “देश का नंबर वन आतंकवादी” कहा था. दूसरी धमकी बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह के बयान से जुड़ी है. वकीलों ने दलील दी कि कुछ सांसद पहले ही राहुल गांधी को धमकी दे चुके हैं और मौजूदा दिल्ली की स्थिति को देखते हुए खतरा और बढ़ गया है. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इन परिस्थितियों में मामले की सुनवाई के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और निष्पक्ष माहौल बनाया जाए.

10 सितंबर को राहुल की अर्जी पर सुनवाई
अदालत ने राहुल गांधी की इस अर्ज़ी को स्वीकार कर लिया है. अब इस पर अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी. इस सुनवाई में कोर्ट तय करेगा कि मामले की आगे की कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था और उनकी आशंकाओं पर क्या कदम उठाए जा सकते हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद किसी भी नेता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. वहीं, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के दावे पर टिप्पणी करते हुए इसे राजनीतिक नाटक करार दिया. यह मामला आने वाले दिनों में न केवल कानूनी बहस, बल्कि राजनीतिक टकराव का भी केंद्र बन सकता है.

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