प्रयागराज में महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में भगदड़ मच गई। इस दौरान कई लोगों के घायल होने की खबर है। संगम पर भगदड़ के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने लोगों से अपील की है। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई उससे हम बहुत दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं। संगम घाट पहुंचने के बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी ने बताया कि इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। इतनी बड़ी तादाद में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है। हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब भीड़ कम हो जाएगी, तो हम पवित्र स्नान के लिए आगे बढ़ेंगे।
महाकुंभ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है।

सीएम योगी की श्रद्धालुओं से अपील
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह संगम नोज जाने के बजाय निकट के घाट पर स्नान कर लें। सीएम योगी ने कहा है कि स्नान के लिए कई घाट बनाए गए हैं। लोग वहां स्नान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रशासन के नियमों का ध्यान रखें और किसी प्रकार की अफवाह में न आएं।
धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान के बजाय निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
महाकुंभ में संगम घाट पर मची भगदड़, कुछ श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर
मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज घाट पर भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बेकाबू भीड़ को बैरिकेडिंग करके रास्ता रोकने के कारण हादसा होना बताया जा रहा है। मौके पर भारी पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल स्नान जारी है। अखाड़ाें ने भीड़ के दबाव को देखते हुए अमृत स्नान के समय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने मेला प्रशासन से कहा कि देश भर से आए श्रद्धालु पहले स्नान करेंगे। इसके बाद वह स्नान के लिए जाएंगे।
महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के अवसर पर मंगलवार-बुधवार की बीच रात करीब डेढ़ बजे लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए उमड़ आए. इससे वहां हालात अचानक बिगड़े और भगदड़ मच गई. इस घटना में कई लोगों के घायल होने की सूचना है. इन्हें इलाज के लिए कुंभ मेला में बनाए गए अस्पताल में ले जाया गया. यहां से गंभीर घायलों को प्रयागराज के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया है. महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पावन मौके पर स्नान करने के लिए लाखों लोग कुंभ मेला में तटों पर मौजूद थे. सबसे ज्यादा भीड़ संगम तट पर मौजूद थी. कहा जा रहा है कि भीड़ जब राह से गुजर रही थी तो अचानक बैरिकेड टूट गई, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे पर चढ़ गए. इससे ना जाने कितने लोग घायल हो गए. कई तो गंभीर रूप से भी घायल हो गए. प्रशासन की ओर से तुरंत मौके पर एंबुलेंस भेजी गई और घायलों को मेला परिसर में बनाए गए अस्पताल में ले जाया गया. इसके लिए स्पेशली ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसके जरिये एंबुलेंस वहां से दौड़ते हुए अस्पताल तक पहुंचीं. यहां लोगों का इलाज किया गया. हालांकि जो गंभीर से घायल हुए हैं, उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया है.
निर्मोही अखाड़े का ऐलान, महाकुंभ भगदड़ के बाद अमृत स्नान
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची भगदड़ के बाद निर्मोही अखाड़ा ने ऐलान किया है कि वह मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान में शामिल होंगे।उन्होंने कहा कि जब सभी लोग अमृत स्नान के लिए जाने वाले थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनने के बाद हमारे अखाड़े के सभी सदस्यों ने निर्णय लिया कि हम अमृत स्नान में भाग लेंगे। आगे प्रशासन द्वारा जो भी निर्देश होंगे, उसका पालन नहीं किया जाएगा। मैं प्रयागराज की धरती से धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध करूंगा कि गंगा नदी में डुबकी लगाकर वह घर वापस लौटें।महाकुंभ का मेला अभी चालू है और आगे भी जारी रहेगा। इस दौरान सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वह प्रशासन का सहयोग करें। महाकुंभ में भगदड़ पर उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी को दोष देना ठीक नहीं है। यह घटना दुखद है। मैं समझता हूं कि प्रशासन की तरफ से कोई कमी नहीं है। देश में लोग तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, हो सकता है कि साजिश हो।बता दें कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई। लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई।