76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार (25 जनवरी 2025) को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं. उन्होंने कहा, “इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सबको संबोधित करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं, आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं. आज से 75 वर्ष पहले, 26 जनवरी के दिन ही, भारत गणराज्य का आधार ग्रंथ यानी भारत का संविधान, लागू हुआ था.”राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “इस वर्ष, हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं. वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता केवल सैद्धांतिक अवधारणाएं नहीं हैं जिनका परिचय हमें आधुनिक युग में प्राप्त हुआ हो. ये जीवन-मूल्य तो सदा से हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग रहे हैं. भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में भी दिखाई देता है. उस सभा में देश के सभी हिस्सों और सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व था. सबसे अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी 15 असाधारण महिलाएं भी शामिल थीं.”राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के किसानों से कड़ी मेहनत की है और देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने कहा, “हमारे किसान भाई-बहनों ने कड़ी मेहनत की और हमारे देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया. हमारे मजदूर भाई-बहनों ने अथक परिश्रम करके हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का कायाकल्प कर दिया. उनके शानदार प्रदर्शन के बल पर आज भारतीय अर्थ-व्यवस्था विश्व के आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर रही है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत का आर्थिक विकास दर आसमान छू रहा है. उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में, आर्थिक विकास की दर लगातार ऊंची रही है, जिससे हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, किसानों और मजदूरों के हाथों में अधिक पैसा आया है तथा बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है. साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधारों के बल पर, आने वाले वर्षों में प्रगति की यह रफ्तार बनी रहेगी.”राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम संबोधन में डिजिटल पेमेंट का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “डिजिटल भुगतान के कई विकल्पों के साथ-साथ प्रत्यक्ष बेनिफिट ट्रांसफर की प्रणाली ने समावेशन को बढ़ावा दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को फॉर्मल सिस्टम में शामिल किया जा सका है. इसके कारण सिस्टम में अभूतपूर्व पारदर्शिता भी आई है.”राष्ट्रपति ने कहा, “Indian Penal Code, Criminal Procedure Code और Indian Evidence Act के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का फैसला सर्वाधिक उल्लेखनीय है.”
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ हमारा जुड़ाव और अधिक गहरा हुआ है. इस समय आयोजित हो रहे प्रयागराज महाकुंभ को उस समृद्ध विरासत की प्रभावी अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है. हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित करने और उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संस्कृति के क्षेत्र में अनेक उत्साह-जनक प्रयास किए जा रहे हैं.”इसरो की हालिया सफलता को लेकर राष्ट्रपति ने कहा, “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. इस महीने, इसरो ने अपने सफल स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट से देश को एक बार फिर गौरवान्वित किया है. भारत अब विश्व का चौथा देश बन गया है जिसके पास यह क्षमता उपलब्ध है.”राष्ट्रपति ने कहा, “मैं, एक बार फिर, आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देती हूं. देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों के साथ-साथ सीमाओं के भीतर देश को सुरक्षित रखने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी में बधाई देती हूं। न्यायपालिका, सिविल सेवाओं और विदेशों में हमारे मिशनों के सदस्यों को भी मेरी बधाई.”
आसमान में गरजा राफेल, धरती पर डेयरडेविल्स, झांकी में दिखी भारत की झलक
भारत ने आज 76वें गणतंत्र दिवस की जश्न में डूबा हुआ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस परेड के दौरान परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार और परेड सेकेंड-इन-कमांड मेजर जनरल सुमित मेहता की सलामी ली. इंडिया गेट आसमान में राफेल और मिग-29 की ताकत दिखी. धरती पर डेयरडेविल्स ने स्टंट प्रदर्शन किया. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध स्मारक पहुंच कर शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी. चलिए देखते हैं, गणतंत्र दिवस की कुछ खास झलकियां.इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो बतौर चीफ गेस्ट वहां मौजूद रहे। पीएम मोदी भी शामिल हुए। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है।परेड की शुरुआत कल्चर मिनिस्ट्री के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुई। 300 आर्टिस्ट ने वाद्य यंत्र बजाते हुए परेड निकाली। फिर इंडोनेशिया के सैन्य जवानों का दस्ता परेड करते हुए कर्तव्य पथ पर गुजरा। भारतीय सेना के जवानों ने भीष्म टैंक, पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम के साथ मार्च किया। पहली बार प्रलय मिसाइल परेड में दिखी।एयरफोर्स के फ्लाईपास्ट में 40 विमानों ने हिस्सा लिया। जिसमें 22 फाइटर जेट, 11 ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट और 7 हेलिकॉप्टर शामिल हुए। अपाचे, राफेल और ग्लोब मास्टर इस फ्लाई पास्ट का हिस्सा रहे। परेड में 15 राज्यों और 16 मंत्रालयों की झांकियां नजर आईं। पहली बार कर्तव्य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
गणतंत्र दिवस परेड में यहां रविवार को बिहार की झांकी में बोधि वृक्ष और ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के जरिये राज्य की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया गया।राज्य की झांकी ने आठ साल के अंतराल के बाद कर्तव्य पथ पर, 76वें गणतंत्र दिवस परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ के प्रमुख विषय के साथ, रंग-बिरंगी झांकी प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के साथ सबसे अलग दिखी। झांकी में, उसके खंडहरों के चारों ओर बौद्ध भिक्षुओं को बैठे हुए दिखाया गया है। झांकी के अगले हिस्से में भगवान बुद्ध की ध्यानमग्न ‘धर्मचक्र मुद्रा’ में बैठी प्रतिमा थी, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक है। मूल प्रतिमा राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर के घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है।गणतंत्र दिवस पर यहां रविवार को आयोजित भव्य परेड में कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य शक्ति, कला एवं संस्कृति, विविधिता और सरकारी योजनाओं की सफलता की झलक देखने को मिली।समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी भारतीय लोकतंत्र के इस भव्य आयोजन के साक्षी बने। देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी और देश-विदेश के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। परेड समारोह के लिए मुर्मू और सुबियांतो, पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे। यह परंपरा 40 साल के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी।इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इसके साथ ही, वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है। सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।देश की विविधता प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे परिधान पहने 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने रविवार को यहां कर्तव्य पथ पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन पर मार्च करते हुए 76वें गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत की। ये कलाकार देश के विभिन्न हिस्सों के लोकसंगीत से जुड़े वाद्ययंत्र बजा रहे थे।