नई दिल्ली। संविधान पर बहस के पहले दिन लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की और कांग्रेस पर संविधान से ज़्यादा सत्ता को तरजीह देने का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा आजकल मैं देख रहा हूं कि विपक्ष के कई नेता संविधान को अपनी जेब में रखते हैं दरअसलए उन्होंने बचपन से यही सीखा है। उन्होंने अपने परिवारों को पीढ़ियों से संविधान को अपनी जेब में रखते देखा है।
कांग्रेस पर लगाया संविधान को हाईजैक करने का आरोप
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा उन्होंने कहा एक पार्टी ने संविधान को हाईजैक करने और हड़पने की कोशिश की यह किसी एक पार्टी की देन नहीं हैए बल्कि यह पूरे देश का है। हमारा संविधान भारत के गौरव को फिर से स्थापित करने का रोडमैप भी है।रक्षा मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर दुर्भावना के साथ संविधान में बदलाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अधिकतर बदलाव विरोधियों को चुप कराने या गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा डॉ अंबेडकर केएम मुंशी पंडित नेहरू सरदार पटेल डॉ राजेंद्र प्रसाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी आदि ने हमारे संविधान में योगदान दिया। हमारा संविधान गरीब परिवार के व्यक्ति को प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने का अधिकार देता है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का मानना था कि संविधान सामूहिक लोकाचार और आम सहमति का परिणाम होना चाहिए. 1944 में हिंदुस्तान के संविधान में कई नेताओं के विचार शामिल थे. इसमें कहा गया था कि राज्य को धार्मिक स्वतंत्रता होनी चाहिए. इसमें प्रत्येक नागरिक को अपनी संस्कृति की रक्षा करने का अधिकार भी दिया गया था. भारत को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए. यह बात वे लोग कह रहे थे, जिन्हें कांग्रेस ने सांप्रदायिक कहा था.”
राहुल गांधी पर रक्षा मंत्री ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि विपक्ष के कई नेता अपनी जेब में संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं. उन्होंने बचपन से ही यह सीखा है. उन्होंने अपने परिवार में पीढ़ियों से संविधान को जेब में रखा हुआ देखा है, लेकिन बीजेपी संविधान को अपने माथे पर रखती है.”राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एचआर खन्ना की आत्मकथा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं, लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि किसने संविधान का सम्मान किया और किसने इसका अपमान किया.”